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This Article is From Jun 30, 2021

भारत अहम सैन्य ठिकानों पर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करेगा, जम्मू एयरबेस पर हमले के बाद सतर्कता

ड्रोन के हमलों से निपटने के लिए भारत जल्द ही ऐसे सैन्य साजोसामान जोड़ने वाला है उनमें रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरे, रडार, ड्रोन को पकड़ने वाले जाल, जीपीएस, लेजर, और आरएफ जैमर जैसी सुविधाएं शामिल हैं.

भारत अहम सैन्य ठिकानों पर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करेगा, जम्मू एयरबेस पर हमले के बाद सतर्कता
Drone Attack : जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद सतर्क हुई सरकार और सेना
नई दिल्ली:

भारत ने अपने अहम सैन्य ठिकानों (Military Bases) पर एंटी ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) तैनात करने का फ़ैसला किया है. भारत ड्रोन के ख़तरे  से निपटने के लिए जल्द ही एक नीति लेकर भी आने वाला है क्योंकि जम्मू एयरबेस पर हुए हमले (Jammu AirBase Attack) ने साबित कर दिया है कि भारत के अहम सैन्य ठिकानों पर कितना ख़तरा है. जम्मू-कश्मीर में बीते तीन दिनों में तीन बार ड्रोन देखे गए हैं. माना जा रहा है की ये सभी सीमा पार से नियंत्रित किए जा रहे थे. लिहाजा सभी सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट है. केंद्र सरकार ने सभी अहम ठिकानों को तकनीक की मदद से सुरक्षित किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक टीम, जिसमें NSG और CISF के अफ़सर शामिल हैं. उन्होंने जम्मू हवाई अड्डे का निरीक्षण कर वहां काउंटर ड्रोन सिस्टम लगाने का फ़ैसला किया गया है. सेना को भी हरी झंडी दे दी गई है कि वो आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence)  तकनीक से लैस ड्रोन का इस्तेमाल करें.लेफ्टिनेट जनरल डीपी पांडे ने कहा कि सेना इस तरह के हथियारों और ड्रोन और उनसे जुड़ी अत्याधुनिक तकनीकों से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ है और आने वाले समय में ऐसे हमलों का खतरा और बढ़ सकता है.

खतरों को लेकर आगे की रणनीति पर विचार कर रही हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष चुनौती खड़े करने वाले किसी भी मुद्दे के उभरने के पहले ही उन्हें खत्म करने के समाधान तलाश रही हैं. वैसे ड्रोन के हमलों से निपटने के लिए भारत जल्द ही ऐसे सैन्य साजोसामान जोड़ने वाला है उनमें रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरे, रडार, ड्रोन को पकड़ने वाले जाल, जीपीएस, लेजर, और आरएफ जैमर जैसी सुविधाएं शामिल हैं. प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में फ़ैसला हुआ कि सबसे पहले नॉर्थ वेस्ट सेक्टर में पंजाब और जम्मू-कश्मीर आता है, उसे महफ़ूज़ किया जाएगा.

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