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कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का संदेश, अब पाकिस्तान नहीं करेगा यह काम

नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की विस्तार से जानकारी दी. आइए बताते हैं कि सरकार ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का चुनाव क्यों किया.

नई दिल्ली:

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने बुधवार तड़के 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया. इस दौरान भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के नौ ठिकानों को निशाना बनाया. इन हमलों में पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है. भारत ने बुधवार सुबह नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'ऑपरेशन सिंदूर' की विस्तार से जानकारी दी. इसमें बताया गया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान किसी सैन्य या नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया. भारत ने इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई बताया है.

सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर'की जानकारी दी

नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में निशाना बनाए गए ठिकानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. यह भी बताया गया कि इनको निशाना क्यों बनाया गया. वे ठिकाने किस आतंकी संगठन से जुड़े हैं. और भारत में हुई कितनी आतंकी कार्रवाइयों में इन ठिकानों का किस प्रकार से इस्तेमाल किया गया था.

नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते विदेश सचिव विक्रम मिसरी और सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की व्योमिका सिंह.

नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते विदेश सचिव विक्रम मिसरी और सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की व्योमिका सिंह.

'ऑपरेशन सिंदूर' की विस्तार से जानकारी देने के लिए भारत ने विदेश सचिव के अलावा सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह का चुनाव किया. इस तरह से भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं को जबरदस्त मैसेज दिया. कर्नल सोफिया कुरैशी का चुनाव पाकिस्तान को तगड़ा जवाब था. दरअसल पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले और उसके पहले से दो राष्ट्र के सिद्धांत का जिक्र बार-बार कर रहा है. इसी सिद्धांत के आधार पर भारत का बंटबारा हुआ था. वह इसका जिक्र कर भारत में हिंदू-मुसलमान की लड़ाई करवाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भारत की जनता उसके इस प्रोपगंडा को पहचान गई और एकजुट होकर पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक नजर आया. यह पाकिस्तान की बहुत बड़ी हार थी. 'ऑपरेशन सिंदूर'चलाने के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी के जरिए भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को शिकस्त दी. भारत ने दिखाया कि पूरा भारत एक है चाहें हिंदू हों या मुसलमान. भारत के मुसलमान भारत की मुख्यधारा का हिस्सा हैं. यह पाकिस्तान को एक बहुत ही सख्त संदेश था. अब वह शायद ही कभी दो राष्ट्र के सिद्धांत का राग अलापे. 

दो महिला सैनिकों का चुनाव कर सरकार ने पाकिस्तान को क्या संदेश दिया

सेना और वायुसेना की दो महिला अफसरों का चुनाव कर भारत ने एक और कड़ा संदेश दिया है. दरअसल पहलगाम में हुआ आतंकी हमला कई मामलों में अलग था. पहला की इसमें नागरिकों को निशाना बनाया गया था. दूसरा यह कि लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें मारा गया था. तीसरा यह कि लोगों को उनके परिजनों के सामने ही मारा गया था. कई महिलाओं के सामने ही उनके पति की हत्या कर दी गई थी. इसमें कई महिलाओं का सुहाग उजड़ गया. भारत की महिलाओं की ताकत का एहसास कराने के लिए ही भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर'की जानकारी देने के लिए दो महिला अधिकारियों का चुनाव किया. इस ऑपरेशन का नाम भी इसी संदेश को देने के लिए रखा गया.

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी

आइए जानते हैं कि नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'ऑपरेशन सिंदूर'की जानकारी देने वाली दोनों महिला अधिकारी कौन हैं और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है.

गुजरात की रहने वाली सोफिया कुरैशी 17 साल का आयु में ही सेना में शामिल हो गई थीं.

गुजरात की रहने वाली सोफिया कुरैशी 17 साल का आयु में ही सेना में शामिल हो गई थीं.

गुजरात के वड़ोदरा की रहने वाली सोफिया कुरैशी भारतीय थलसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं. वह सिग्नल कोर में हैं. सोफिया कुरैशी सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 1999 में शामिल हुईं थीं. उस समय उनकी आयु केवल 17 साल ही थी. उनके परिवार की पृष्ठभूमि सेना में सेवा देने की रही है. सोफिया के दादा भी सेना में थे.उनके पति सेना की मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री में कार्यरत हैं.

सोफिया कुरैशी मार्च 2016 में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं. ट्रेनिंग एक्सरसाइज 'एक्सरसाइज फोर्स 18' प्रोग्राम अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास है. इसमें दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ 'आसियान' के सदस्य देशों भारत, जापान, चीन, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने भाग लिया था. यह महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित किया गया था. 

कौन हैं व्योमिका सिंह

व्योमिका सिंह हेलिकॉप्टर पायलट हैं. उनके पास 2500 से भी ज्यादा घंटे की उड़ान का अनुभव है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में कई मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. ऊंचे पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरने में वो माहिर हैं. उन्होंने नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में आई आपदा में लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था। उन्होंने 2021 में 21,650 फुट ऊंची 'माउंट मणिरंग' चोटी पर विजय हासिल की थी. यह एक तीनों सेनाओं की ऑल-वुमन माउंटेन एक्सपीडिशन का हिस्सा थीं. 

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली व्योमिका ने एक इंटरव्यू में पायलट बनने के अपने सपने के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था, "मैं छठी क्लास में थी जब एक दिन स्कूल में नामों के मतलब पर चर्चा हो रही थी. मैंने बताया कि मेरे नाम का मतलब 'व्योम' यानी आसमान होता है. तभी क्लास के पीछे से किसी ने कहा– तो तू तो आसमान की मालिक है, तू तो 'व्योमिका' है. मेरी क्लास टीचर ने भी कहा था कि मैं एक दिन आसमान पर राज करूंगी, पायलट बनूंगी. और उस दिन से मेरे दिल में बैठ गया कि मुझे पायलट बनना है." उनका चयन लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की एक परीक्षा के जरिए वायुसेना के पायलट के रूप में हुआ था. इस तरह उनका पायलट बनने का सपना साकार हुआ था. 

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