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बांग्लादेश ने की शेख हसीना को सौंपे जाने की अपील, जानें भारत का दो टूक जवाब

शेख हसीना के खिलाफ आईसीटी के फैसले के बाद, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने मांग की कि उनकी सजा के मद्देनजर प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत उन्हें तुरंत ढाका को सौंप दे. मंत्रालय ने कहा, 'दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, यह भारत का दायित्व भी है.'

बांग्लादेश ने की शेख हसीना को सौंपे जाने की अपील, जानें भारत का दो टूक जवाब
शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर भारत का जवाब.
  • भारत को बांग्लादेश ने पूर्व PM शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए आधिकारिक अपील भेजी है, जिसकी जांच हो रही है.
  • बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने शेख हसीना को विरोध प्रदर्शनों पर क्रूर कार्रवाई के लिए मौत की सजा सुनाई है.
  • शेख हसीना ने सजा को धांधली वाली अदालत द्वारा सुनाया गया बताया है, जिसके पास कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं.
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नई दिल्ली:

बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना को सौंपे जाने की अपील की है. भारत ने बताया कि उसे पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश की आधिकारिक अनुरोध मिला है. इस अनुरोध पर न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत गौर किया जा रहा है बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत शांति, लोकतंत्र, स्थिरता और समावेशिता समेत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है. इस मामले में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक रूप से बातचीत जारी रहेगी.

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वीकली मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए रणधीर जायसवाल ने बताया कि हां अनुरोध मिला है. चल रही न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जा रही है.

शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग

बांग्लादेश ने सबसे पहले दिसंबर महीने में और अब नवंबर में भी शेख हसीना को सौंपे जाने की अपील है. दरअसल शेख हसीना को पिछले हफ्ते ढाका में एक विशेष न्यायाधिकरण ने जुलाई 2024 में विरोध प्रदर्शनों पर उनकी सरकार की क्रूर कार्रवाई के लिए यह सजा सुनाई गई थी. अवामी लीग की नेता हसीना पिछले साल बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद पांच अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थीं

अदालत ने शेख हसीना को सुनाई है मौत की सजा

आईसीटी ने शेख हसीना के दो सहयोगियों को भी दोषी ठहराया था, जिनमें पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन शामिल हैं. असदुज्जमां खान को मौत की सज़ा सुनाई गई, जबकि सरकारी गवाह बने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन को 5 साल कैद की सज़ा सुनाई गई.

मौत की सजा पर शेख हसीना का रिएक्शन

शेख हसीना ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधिकरण को धांधली वाला बताया था, क्योंकि इसकी अध्यक्षता अनिर्वाचित अंतरिम सरकार कर रही थी, इसमें लोकतांत्रिक जनादेश की कमी थी.हसीना के खिलाफ आईसीटी के फैसले के बाद, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने मांग की कि उनकी सजा के मद्देनजर प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत उन्हें तुरंत ढाका को सौंप दे. मंत्रालय ने कहा, 'दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, यह भारत का दायित्व भी है.'

हसीना ने कहा कि यह फैसला एक 'ऐसे गैर कानूनी न्यायाधिकरण द्वारा दिया गया है, जिसकी स्थापना और अध्यक्षता एक अनिर्वाचित सरकार द्वारा की गई है, जिसके पास कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है. बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ यह फैसला बांग्लादेश में संसदीय चुनावों से कुछ महीने पहले आया है. हसीना की अवामी लीग पार्टी को फरवरी में होने वाले चुनावों में भाग लेने से रोक दिया गया है.

बांग्लादेश के घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर

ऐसा माना जा रहा है कि भारत के शुरुआती आकलन के अनुसार, हसीना को मौत की सज़ा सुनाने की प्रक्रिया में न्यायाधीशों की 'असंवैधानिक' नियुक्ति सहित कई खामियां थीं जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत बांग्लादेश में सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है

बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान द्वारा अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल को बांग्लादेश की यात्रा का निमंत्रण दिए जाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि समय आने पर इस पर विचार किया जाएगा रहमान पिछले हफ़्ते एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए नयी दिल्ली आए थे. उन्होंने डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की.

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