- दिल्ली और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक और गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.
- नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक दर्ज किया गया है जो खतरनाक माना जाता है.
- प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों से प्रभावित लोगों को विशेष सावधानी बरतने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है.
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण ने हालात बिगाड़ दिए हैं. बुधवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. कई शहरों में हवा की गुणवत्ता ‘खतरनाक' और ‘गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है. राजधानी दिल्ली में AQI बेहद गंभीर श्रेणी में है. इसके अलावा आसपास के शहरों में भी हालात चिंताजनक है. गाजियाबाद, नोएडा में भी लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में AQI क्रमशः 409 और 414 तक पहुंच गया, जो ‘हैजर्डस' (खतरनाक) श्रेणी में आता है. दिल्ली का औसत AQI 389 रहा, जो ‘गंभीर' (Severe) श्रेणी में है.
- ग्रेटर नोएडा: 414 (खतरनाक)
- नोएडा: 409 (खतरनाक)
- गाजियाबाद: 395 (खतरनाक)
- दिल्ली: 389 (गंभीर)
- लखनऊ: 362 (गंभीर)
- चंडीगढ़: 306 (गंभीर)
- मेरठ: 297 (गंभीर)
- देहरादून: 155 (खराब)

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह स्तर बेहद खतरनाक है और बच्चों, बुजुर्गों तथा सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों को घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है.
कितना AQI माना जाता है खतरनाक
CPCB के अनुसार AQI का स्तर 0 से 50 ‘अच्छा', 51 से 100 ‘संतोषजनक', 101 से 200 ‘मध्यम', 201 से 300 ‘खराब', 301 से 400 ‘बेहद खराब' और 401 से 500 ‘गंभीर' माना जाता है. मंगलवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो मौसम के औसत से 2.3 डिग्री कम है. अधिकतम तापमान करीब 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है और हल्की धुंध व मध्यम कोहरे की संभावना जताई गई है.
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दिल्ली सरकार ने जिलाधिकारियों, पुलिस उपायुक्तों और स्थानीय निकायों को राष्ट्रीय राजधानी के सभी निजी कार्यालयों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
यह पहली बार है जब अधिकारियों ने निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के घर से काम करने के फैसले को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया है. इससे पहले, सरकार घर से काम करने के नियमों के बारे में निजी क्षेत्र के लिए सलाह जारी करती थी.
क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण?
- पराली जलाने का असर अब भी जारी है.
- ठंडी हवाओं की कमी और तापमान गिरने से प्रदूषक जमीन के करीब फंस रहे हैं.
- वाहनों का उत्सर्जन और निर्माण कार्य भी योगदान दे रहे हैं.
स्वास्थ्य पर असर
डॉक्टरों के मुताबिक, इस स्तर का प्रदूषण फेफड़ों की क्षमता को कमजोर करता है, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है, और बच्चों व बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है. लंबे समय तक इस हवा में रहने से क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, और यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.
विशेषज्ञों की सलाह
- बाहर निकलने से बचें.
- यदि बाहर जाना जरूरी हो तो N95 मास्क पहनें.
- घर में HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें.
- बच्चों और बुजुर्गों को पूरी तरह घर के अंदर रखें.
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