- 26/11 मुंबई हमले की 17वीं बरसी पर एनडीटीवी ने केस से जुड़े चार प्रमुख व्यक्तियों के साथ विस्तार से चर्चा की
- आतंकी अजमल कसाब ने रक्षाबंधन पर राखी देखकर पूछा था, जिसके कारण मीडिया में इंसानियत की बातें भी आईं
- मुम्बई पुलिस अधिकारी रमेश महाले ने बताया कि कसाब ने कस्टडी में अपना ब्रेनवाश होने का दावा किया था
26/11 यानी मुंबई हमले का दिन, बुधवार को इसकी 17वीं बरसी थी. आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़कर भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने पाकिस्तान की साजिश को बेनकाब किया था. इस मौके पर एनडीटीवी ने उस केस से जुड़े चार लोगों के साथ इस हमले के हर एक पहलू पर विस्तार से चर्चा की. सांसद और विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम, मुम्बई पुलिस के जांच अधिकारी रमेश महाले, कसाब को जिंदा पकड़ने वाले पुलिस अधिकारी हेमंत बावधनकर और शहीद इंस्पेक्टर विजय सालस्कर की बेटी दिव्या सालस्कर से बातचीत के दौरान कई ऐसी बातें भी सामने आईं, जो अब तक शायद कम ही लोगों को पता थी.
कसाब ने राखी को देखकर पूछा था ये क्या है- उज्जवल निकम
मुंबई हमला केस में विशेष सरकारी अभियोजक उज्जवल निकम ने आतंकी कसाब को बिरयानी खिलाने और मराठी सिखाने वाली बात का राज खोला. उन्होंने बताया कि ये बात सही है कि वाकई उस दिन (रक्षाबंधन) कसाब ने पूछा था कि आपके हाथ में क्या बंधा है. निकम ने त्योहार की पूरी अहमियत बताई. उतने में कसाब ने नीचे सिर झुकाया, तो मीडिया में ये चल गया कि आतंकी की आंखों में पानी आ गया. इसके मन में इंसानियत है. निकम ने कहा, शाम को जब मुझे ये मालूम हुआ तो मीडियाकर्मियों ने कसाब के रोने पर पूछा तो उन्होंने कहा कि आज कसाब ने मटन बिरयानी की मांग की तो फिर हल्ला मच गया. लोगों ने चलाया कि इतने लोगों की जान ले ली और उसे बिरयानी ऑफर करने पर सवाल उठाए. कोर्ट में भी कसाब से ये सवाल पूछा कि क्या वो मटन बिरयानी खाएगा तो वो सिर नीचे किए रहा.
आतंकी कसाब ने सीखे मराठी के कुछ शब्द
कसाब ने जेल और पुलिस अफसरों के बीच मराठी भाषा में कुछ शब्द सीखे और वो बोलता था, ताकि अपनी जरूरत बता सके. उसने उज्जवल निकम को अपना वकील बनाने की मांग की थी. वो जेल और पुलिसकर्मियों से बात करने के लिए ये शब्द जेल, कोर्ट में बोलता था.

कसाब ने बताया उसका ब्रेनवाश किया गया- रमेश महाले
वहीं मुम्बई पुलिस के जांच अधिकारी रमेश महाले ने बताया कि कस्टडी में कैसे कसाब ने कहा कि उसका ब्रेनवाश किया गया था. उन्होंने बताया कि मुंबई हमले के 10-12 दिन बाद ईद थी. वो 10 दिनों से एक ही कपड़े में था. उसे ईद पर तोहफा देने की बात पर महाले ने कहा, हमने एक ही शर्ट पैंट में उसे देखा तो नई पोशाक दी गई.
हेमंत बावधनकर ने बताया कसाब को कैसे पकड़ा
गिरगांव चौपाटी के एनकाउंटर में कसाब को जिंदा पकड़ने और उसके साथी इस्माइल को गोली मारने वाले पुलिस अधिकारी हेमंत बावधनकर ने बताया कि उस दिन मेरी नाइट शिफ्ट थी, मुझे नाकाबंदी करने का आदेश मिला. रात को 12.15 में मुझे कार से आतंकियों के आने की खबर मिली. हमने गाड़ी रोकने और सरेंडर करने को कहा, लेकिन उन्होंने फायरिंग की. जवाब में हमने फायरिंग की, हालांकि इस दौरान एक आतंकी इस्माइल मारा गया और कसाब को पकड़ने में हम सफल रहे.
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रात को जल्दी घर आ गए, लेकिन आतंकियों को पकड़ने गए फिर नहीं लौटे
शहीद इंस्पेक्टर विजय सालस्कर की बेटी दिव्या सालस्कर ने उस रात की कहानी बताई. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने कैसे आतंकियों का सामना किया. वो रात को जल्दी घर आ गए थे, लेकिन फिर सूचना मिलने के बाद वो आतंकियों को पकड़ने के लिए निकल पड़े. मां से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वो स्पॉट पर हैं और फिर हमने टीवी चैनल पर उनकी मौत की खबर देखी.
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