भारत ने खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की याद में कनाडा की संसद द्वारा 'एक मिनट का मौन' रखे जाने की शुक्रवार को आलोचना की. निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम हिंसा की वकालत करने वाले और चरमपंथ को राजनीतिक जमीन मुहैया कराने वाले किसी भी कदम का स्वाभाविक रूप से विरोध करते हैं.'
कनाडा की संसद ने दो दिन पहले एक असामान्य कदम के तहत निज्जर की याद में 'एक मिनट का मौन' रखा था. पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाया था और उसके बाद दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था.
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' बताते हुए खारिज कर दिया था. भारत लगातार कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा वहां से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना रोक-टोक के स्थान दे रहा है.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पिछले हफ्ते कहा था कि कनाडा के साथ भारत का मुख्य मुद्दा ओटावा द्वारा भारत-विरोधी तत्वों को राजनीतिक जगह मुहैया कराना है, जो उग्रवाद और हिंसा की वकालत करते हैं. भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किये गये निज्जर को पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में गुरुद्वारा के बाहर गोली मार दी गई थी.
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