देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है, वहीं भीषण गर्मी कई राज्यों को झुलसा रही है. हीटवेव के 'कहर' ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसकी वजह से वोट प्रतिशत पर भी खासा असर पड़ा है. ऐसे में भारतीय मौसम विभाग ने भी पूर्वी भारत में 1 मई तक लू से भीषण लू की स्थिति जारी रहने की संभावना जताई है. हालांकि उसके बाद धीरे-धीरे इसके कम होने की उम्मीद है.
पिछले 24 घंटों के दौरान कैसा रहा मौसम :-
- देश में कई स्थानों पर लू की स्थिति बनी रही और अलग-अलग हिस्सों में भीषण लू चली.
- गांगेय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, रायलसीमा, कोंकण, आंतरिक कर्नाटक और केरल के अलग-अलग इलाकों में लू के हालात हैं.
- 15 अप्रैल से ओडिशा और 17 अप्रैल से गंगीय पश्चिम बंगाल पर हावी है.
- कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल और तटीय इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर गर्मी और उमस बनी रही
- उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर रात में भी गर्मी रही.
- जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, अरुणाचल प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम वर्षा देखी गई
- असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि भी देखी गई.
- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और असम में भारी बारिश दर्ज की गई.
चुनावी साल में अप्रैल से जून के बीच उत्तर के मैदानी इलाकों समेत दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू (हीटवेव) चलने की संभावना है. भारत के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अप्रैल और जून के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है. मध्य भारत, उत्तर के मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कई दिनों तक लू चलने का अनुमान है. इन राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं.
बिहार में अगले 3-4 दिनों तक तेज गर्मी और लू का प्रकोप
बिहार के लोगों को अगले तीन-चार दिनों तक गर्मी और लू से राहत नहीं मिलने वाली है. मौसम विभाग ने एक मई तक प्रदेश के कई जिलों में भीषण गर्मी और लू का अलर्ट जारी किया है. नालंदा में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है. इससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है. गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं. मौसम विभाग ने लोगों को गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
भीषण गर्मी से यूपी में जनजीवन प्रभावित
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. बुलंदशहर, प्रयागराज, बस्ती, वाराणसी, सुल्तानपुर, आगरा और झांसी में तापमान सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. राज्य मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में लू की चेतावनी जारी की है. इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में शुष्क गर्म हवाएं भी चलेंगी.
केरल के पलक्कड़ के लिए ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भीषण गर्मी के अंदेशे के मद्देनजर केरल के पलक्कड़ जिले के लिए ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा कि मौसम एजेंसी ने चिलचिलाती और भीषण गर्मी के अंदेशे के मद्देनजर कोल्लम और त्रिशूर जिलों के कुछ इलाकों के लिए भी ‘येलो' अलर्ट जारी किया है.
आईएमडी के मुताबिक 29 अप्रैल से तीन मई तक पलक्कड़ और कोल्लम और त्रिशूर जिलों में तापमान क्रमशः 41 डिग्री सेल्सियस और 40 डिग्री सेल्सियस तक रहने का पूर्वानुमान है. केएसडीएमए ने एक बयान में कहा कि कोझिकोड जिले में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है.
मौसम विभाग ने जानकारी दी कि तेईस राज्यों ने हीटवेव से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की है. हीटवेव के दौरान ही चुनावी रैलियां भी होंगी. बड़ी संख्या में देश के विभिन्न स्थानों पर चुनावी ड्यूटी के लिए लोगों की तैनाती होगी. फोर्स एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जाएंगी.
मौसम विभाग ने कहा है कि अधिकतम तापमान में वृद्धि का गेहूं की फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. आईएमडी ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ेगी. इसका सबसे अधिक प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है. हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है. मध्य भारत और पश्चिमी भारत में सामान्य से ऊपर तापमान बने रहने की संभावना जताई गई है.
हीटवेव से बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा तकलीफ
आईएमडी ने कहा कि हीटवेव का सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ेगा. हीटवेव के दौरान, ऊंचे तापमान से जोखिम पैदा होता है. इसके कारण विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. मौसम विभाग ने अधिकारियों से सक्रिय कदम उठाने को कहा, क्योंकि अत्यधिक गर्मी से बिजली और परिवहन प्रणालियों जैसे बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ सकता है.
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक देश में 25 ज़िले ऐसे हैं जहां 1921-2024 के बीच राष्ट्रीय डाटा सेंटर में मौजूद अधिकतम तापमान के आंकड़ों के अनुसार 28 अप्रैल को शाम 5.30 बजे अत्यधिक अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया है. पूर्वी भारत और पेनिन्सुलर इंडिया में हीटवेव का खतरा है. आम लोगों को हीटवेव से बचने और घरों से कम से कम निकलने की सलाह दी गई है. साथ ही अगर बहुत जरूरी हो तो छतरी लेकर निकलने, ढीले कपड़े पहने और पानी ज्यादा से ज्यादा पीने को कहा गया है.
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