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This Article is From Nov 03, 2015

हमेशा से असहिष्णु ही रहा है भारत, वरना पाकिस्तान बनता ही नहीं : कमल हासन

हमेशा से असहिष्णु ही रहा है भारत, वरना पाकिस्तान बनता ही नहीं : कमल हासन
दिग्गज अभिनेता कमल हासन (फाइल फोटो)
हैदराबाद: जाने-माने फिल्म अभिनेता-निर्माता-निर्देशक कमल हासन का कहना है कि पुरस्कार लौटाने से कुछ हासिल नहीं हो सकता, क्योंकि भारत हमेशा से असहिष्णु ही रहा है, वरना पाकिस्तान बनता ही नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी 'असहिष्णुता-विरोधी' मुहिम का हिस्सा नहीं बनेंगे, और अपना राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाकर सरकार का अपमान नहीं करेंगे।

हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कमल हासन ने कहा कि यदि असहिष्णुता नहीं होती, तो हम आज भारत और पाकिस्तान नहीं, एक विशाल देश होते, जो चीन से भी मुकाबिल हो सकता था। कमल ने कहा कि हमें बस इतना ध्यान रखना है कि ऐसा दोबारा कभी न हो।

'सम्मान लौटाना सही नहीं, कभी नहीं लौटाऊंगा राष्ट्रीय पुरस्कार'
उन्होंने कहा कि वह विभिन्न लोगों द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान लौटाने का समर्थन नहीं करते, क्योंकि उससे कुछ हासिल नहीं होगा, बल्कि ऐसा करने से सरकार का अपमान होता है। दरअसल, उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह भी देश में फैल रही असहिष्णुता के खिलाफ अपना राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाएंगे। गौरतलब है कि कमल की पिछली फिल्म 'विश्वरूपम' को मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद कई राज्यों में बैन कर दिया गया था। कमल ने कहा, "मैं सभी धर्मों के प्रति सहनशील हूं, जबकि मैं खुद धार्मिक प्रवृत्ति का नहीं हूं..."

कमल के मुताबिक, पुरस्कार लौटाने वालों के लिए भी ज़रूरी है कि वे सहनशील बनें। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि पुरस्कार लौटाने वाले बहुत ज़्यादा नाराज़ नहीं हैं..."

'भारत हर समस्या से पार पा जाएगा'
देश के राजनैतिक परिदृश्य के बारे में बात करते हुए कमल हासन ने कहा, "जो भी पार्टी देश के लिए अच्छी होगी, मैं उसे वोट और समर्थन दूंगा..." उन्होंने कहा, "हमारे देश के लिए ऐसी घटनाएं और प्रतिक्रियाएं कतई नई नहीं हैं... और भारत इनसे भी पार पा जाएगा..."

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