India-china standoff: विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रिंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने चीन के साथ सीमा के हालात (India-China border issue) को बड़ी चुनौती बताया है. उन्होंने कहा है कि चीन के साथ सीमा के हालात कई दशकों में सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आए हैं. हमने पिछले 40 साल में इस सीमा पर कोई जान नहीं गंवाई थी. अच्छी बात यह है कि सब कुछ के बाद भी हम सैन्य और राजनयिक दोनों स्तर पर बातचीत कर रहे हैं. विदेश सचिव ने जोर देकर कहा कि हम अपनी अखंडता और संप्रभुता को किसी भी क़ीमत पर आंच नहीं आने देंगे इसके साथ ही हम चाहते हैं कि यह मसला बातचीत के ज़रिये हल हो. विदेश सचिव ने यह विचार आईसीडब्ल्यूए में Broad Canvas of Indian Diplomacy During Pandemic विषय पर लेक्चर देते हुए व्यक्त किए.
लद्दाख में तनाव के बीच दक्षिणी पैंगॉन्ग में बढ़ी चीनी टैंकों और सैनिकों की मौजूदगी
विदेश सचिव ने कहा कि ये सच है कि जब तक सीमा पर शांति और यथास्थिति की बहाली नहीं होती तब तक सब कुछ पहले की तरह नहीं चल सकता. सामान्य द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा. सीमा पर जो चल रहा है उसका सीधा संबंध हमारे व्यापक संबंधों से हैं और ये दिख भी रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए यथास्थिति की बहाली ज़रूरी है.
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत से से ही पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में एलएसी (LAC) पर भारत का चीन के साथ तनाव बरकरार है. चीन की तरफ से यथा स्थिति बदलने के लिए की गई एकतरफा कार्रवाई से (एलएसी पर) तनाव बढ़ा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में रूटीन ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि इस मुद्दे पर आगे सिर्फ कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत से बढ़ा जा सकता है और भारत बातचीत के ज़रिए सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए भारत, चीन को फिर से द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत पूरी तरह से डिएस्केलेशन और डिसएंगेजमेंट के लिए ईमानदारी से काम करने को कहता है.
जनरल बिक्रम सिंह ने कहा- चीन को पुरानी स्थिति में जाना होगा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं