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This Article is From Jun 23, 2023

भारत, अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना : बाइडेन

1967 के बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण को दिशानिर्देशित करने के लिए तैयार किये गये गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक ‘सेट’ है.

भारत, अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना : बाइडेन
भारत पहला मानव युक्त अंतरिक्ष यान ‘गगनयान’ भेजने की योजना बना रहा

भारत और अमेरिका के संबंध एक नये दौर में प्रवेश कर रहे हैं. दोनों देश मिलकर भविष्‍य की योजनाएं तैयार कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और अमेरिका वर्ष 2024 तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने के लिए गठजोड़ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद बाइडेन ने कहा कि भारत और अमेरिका एक साथ विकास के लिए करीब-करीब हर मानवीय प्रयासों में गठजोड़ कर रहे हैं.

बाइडेन ने कहा, "कैंसर, मधुमेह जैसे बीमारियों के परीक्षण एवं उपचार के नये रास्ते तैयार करने में गठजोड़ से लेकर मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान और 2024 तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने आदि में गठजोड़ कर रहे हैं." वहीं, भारत के अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसले की घोषणा के बारे में मोदी ने कहा कि हमने अंतरिक्ष सहयोग में नया कदम आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच गठजोड़ की असीमित संभावनाएं हैं.

उल्लेखनीय है कि 1967 के बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण को दिशानिर्देशित करने के लिए तैयार किये गये गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक ‘सेट' है. यह 2025 तक चंद्रमा पर मानव को फिर से भेजने का अमेरिका नीत प्रयास है, जिसका लक्ष्य मंगल और अन्य ग्रहों तक अंतरिक्ष का अन्वेषण करना है.

वहीं, भारत पहला मानव युक्त अंतरिक्ष यान ‘गगनयान' भेजने की योजना बना रहा है, जो वर्ष 2024 के अंत या 2025 के प्रारंभ में हो सकता है. इससे पहले, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा था कि नासा और इसरो इस वर्ष मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए सामरिक ढांचा विकसित कर रहे हैं. सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर व्यवस्था के निर्माण के लिए गठजोड़ कर रहे हैं.

अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने बयान में कहा कि माइक्रोन गुजरात में सेमीकंडक्टर परीक्षण एवं असेंबली संयंत्र लगाएगी और इसके माध्यम से कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश होगा. माइक्रोन ने कहा कि दो चरणों में विकसित किए जाने वाले इस संयंत्र पर वह अपनी तरफ से 82.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी. बाकी राशि का निवेश केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा.

वहीं, अमेरिकी एप्लायड मैटिरियल्स ने भारत में वाणिज्यिकरण और नवाचार के लिए नये सेमीकंडक्टर केंद्र की स्थापना करने की घोषणा की. अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों ने उन्न कम्प्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमता और क्वांटम सूचना विज्ञान में सहयोग पर बढ़ाने की बात कही. दोनों ने कृत्रिम बुद्धिमता उन्नत वायरलेस एवं क्वांटम प्रौद्योगिकी पर नयी अनुपालन व्यवस्था पर भी हस्ताक्षर किये. उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देश 5जी और 6जी प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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