आयकर विभाग ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों पर करीब दो दर्जन ‘बेनामी' संपत्तियों का पता लगाया है जिनकी कुल कीमत करीब 127 करोड़ रुपये है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘विस्तृत' कार्रवाई के तहत इन संपत्तियों का पता लगाया गया है.
विभाग द्वारा जारी कुर्की आदेश के मुताबिक उसकी लखनऊ स्थित बेनामी संपत्ति जांच इकाई ने मंगलवार को मामले में पहली संपत्ति कुर्क की, जो गाजीपुर जिला स्थित एक भूखंड है जिसका खरीद मूल्य करीब 1.29 करोड़ रुपये है जबकि बाजार कीमत 12 करोड़ रुपये है.
कुर्की आदेश के मुताबिक इस मामले में बेनामीदार (जिसके नाम पर संपत्ति है) अंसारी का सहयोगी गणेश डी मिश्रा है जबकि ‘लाभार्थी मालिक' अंसारी है. बेनामी संपत्ति का अभिप्राय उस संपत्ति है जिसे वास्तविक मालिक के स्थान पर किसी और के नाम पर खरीदा जाता है लेकिन उसका लाभ संपत्ति खरीदने वाला प्राप्त करता है.
कुर्की आदेश बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम 2016 के तहत आयकर विभाग के उपायुक्त आलोक के सिंह और अपर आयुक्त (बेनामी निषेध इकाई) ध्रुवपुरारी सिंह के नाम से जारी किया गया है.
विभाग के सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अंसारी के खिलाफ दर्ज विभिन्न प्राथमिकियों का विश्लेषण और ‘दस्तावेजों व रुपयों की लेनदेन'की जांच, भू दस्तावेजों की जांच और कई खातों से लेनदेन का विश्लेषण करने पर जानकारी मिली की मिश्रा ने कथित तौर पर 90 लाख रुपये का मुचलका भरा था और अपनी संपत्ति अंसारी की पत्नी और बेटे के हिस्सेदारी वाली कंपनी में 1.60 करोड़ रुपये के ऋण के लिए गिरवी रखी थी.
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