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This Article is From Apr 12, 2024

IIT छात्रों को अच्छी नौकरियां पाने के लिए करना पड़ रहा संघर्ष, दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में स्लो डाउन का असर

देश के सभी IITs में केंपस प्लेसमेंट के दौरान कितने छात्रों को नौकरी मिली और कितने नाकाम रहे इसकी बड़ी तस्वीर मई-जून के अंत तक सामने आएगी.

IIT छात्रों को अच्छी नौकरियां पाने के लिए करना पड़ रहा संघर्ष, दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में स्लो डाउन का असर
छात्रों को कुछ महीनों की प्लेसमेंट की कोशिश के बावजूद नौकरी नहीं मिल सकी है...
नई दिल्‍ली:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) यानि आईआईटी संस्थानों से निकलने वाले छात्रों को हर साल शानदार पैकेज मिलने की ख़बरें छपा करती हैं. लेकिन इस बार देश के बड़े आईआईटी संस्थानों में इंजीनियरिंग के छात्रों को अच्छी नौकरियां पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. अलग-अलग IITs के प्लेसमेंट ऑफिस ने रिक्रूट करने वाली बड़ी कंपनियों को अच्छी संख्या में बुलाया है, लेकिन नतीजा उम्मीद के मुताबिक, नहीं मिल रहा है. इसकी एक बड़ी वजह टेक इंडस्ट्री में आयी मंदी है, जिसका असर साफ नजर आ रहा है. 

आईआईटी बॉम्बे प्लेसमेंट ऑफिस की एक्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर तेजस्विनी पोकले  (Tejaswini Pokle) ने प्लेसमेंट की स्थिति पर एनडीटीवी को दिए एक लिखित जवाब में कहा, "मौजूदा प्लेसमेंट सीज़न में IIT बॉम्बे के 1973 छात्रों ने भाग लिया है. 4 अप्रैल, 2024 तक नौकरी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों में अब तक 1308 को प्लेसमेंट मिला है. यानि 665 छात्र अब भी नौकरी मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं. 33.70% छात्रों को कुछ महीनों की प्लेसमेंट की कोशिश के बावजूद नौकरी नहीं मिल सकी है."

IIT बॉम्बे के प्लेसमेंट ऑफिस की अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि 2023-24 का ये डेटा अंतरिम है, क्योंकि प्लेसमेंट सत्र 30 जून 2024 तक चलेगा. लेकिन व्यावहारिक तौर पर अधिकतर रिक्रूटमेंट अप्रैल के पहले हफ्ते तक हो जाता है. पिछले प्लेसमेंट सीजन में IIT बॉम्बे में आवेदन करने वाले 1845 छात्रों में से 1516 छात्रों को नौकरी मिल गयी थी यानी करीब 84% नौकरी पाने में सफल रहे थे, जो अब तक का सबसे अच्छा परफॉरमेंस था.  

सूत्रों के मुताबिक, IITs में मास्टर्स और पीएचडी के छात्रों का रिक्रूटमेंट स्लो चल रहा है, जिस वजह से कुल रिक्रूटमेंट प्रतिशत उम्मीद से कम है. यही हालात देश के अधिकतर IIT के हैं. ख़बरों के मुताबिक IIT दिल्ली के ऑफिस ऑफ करियर सर्विस में रजिस्टर करने वाले छात्रों में से लगभग 40% अप्रैल के पहले हफ्ते तक नौकरी पाने का इंतज़ार कर रहे हैं. 

IIT दिल्ली के प्लेसमेंट इंचार्ज प्रोफेसर आर. अयोथिरमन (R. Ayothiraman) ने NDTV को बताया, "प्लेसमेंट की प्रक्रिया इस एकेडमिक सीजन के आखिर तक (May) चलेगी. अब तक आईटी दिल्ली के 80% अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट्स की अलग-अलग कंपनियों में प्लेसमेंट हो गई है. पिछले सालों के मुकाबले इस साल प्लेसमेंट के इच्छुक पीएचडी छात्रों की संख्या 6 गुना बढ़ गई है. पीएचडी छात्रों की करियर की जरूरत अलग होती है. हम उनके लिए अलग से प्लेसमेंट की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. जो छात्र केंपस प्लेसमेंट में सिलेक्ट नहीं हुए उनके पास नौकरी पाने के कई दूसरे रास्ते उपलब्ध है."

डॉक्‍टर नित्यानंद, इंडस्ट्री विशेषज्ञ और डायरेक्टर, काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट ने एनडीटीवी से कहा, "अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में हालात अच्छे नहीं है, दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अर्थव्यवस्था के स्लो डाउन की वजह से रिक्रूटमेंट पर असर पड़ रहा है. हालांकि, आईटी प्रशासन ने अभी तक प्लेसमेंट के बारे में पूरा डाटा सार्वजनिक नहीं किया है. लेकिन मुझे लगता है कि इस बार उतनी विदेशी कंपनियां आईटी केंपस रिक्रूटमेंट करने नहीं आई, जितनी आमतौर पर आती थीं और इसकी वजह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में स्लो डाउन है."

देश के सभी IITs में केंपस प्लेसमेंट के दौरान कितने छात्रों को नौकरी मिली और कितने नाकाम रहे इसकी बड़ी तस्वीर मई-जून के अंत तक सामने आएगी. 

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