विज्ञापन
This Article is From Jun 19, 2023

"स्ट्रेस फ्री रूटीन की वजह से मिली सफलता...", NDTV से बोले IIT-JEE के टॉपर वी चिडविलास रेड्डी

IIT-JEE की तैयारी के लिए कोचिंग लेना कितना जरूरी है, के सवाल पर चिडविलास ने कहा कि अगर आपकी रुचि है तो आपको किसी कोचिंग की जरूरत नहीं है. अगर आपकी रुचि साइंस और मैथ्स में है तो चाहे कैसे भी पढ़ लो आपका IIT-JEE में चयन होगा ही. 

हैदराबाद के वी चिडविलास रेड्डी ने IIT-JEE की परीक्षा में किया टॉप

नई दिल्ली:

IIT-JEE एडवांस्ड की परीक्षा में हैदराबाद के वी चिडविलास रेड्डी ने टॉप किया है. इस परीक्षा में वी चिडविलास रेड्डी ने 360 में से 341 अंक हासिल किए हैं. बात अगर चिडविलास रेड्डी के निजी जीवन की करें तो उनके माता-पिता स्कूल में टीचर हैं औक भाई हैदराबाद में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. NDTV ने IIT-JEE एडवांस्ड में टॉप करने वाले चिडविलास से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान चिडविलास ने अपने रूटीन , तैयारी के तरीके, अभिभावकों से मिले सपोर्ट और तैयारी के दौरान स्ट्रेस से कैसे बचा जाए, जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. 

"सफलता का श्रेय माता-पिता को"

NDTV से खास बातचीत में वी चिडविलास रेड्डी ने कहा कि पहला रैंक हासिल करने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी. मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहता हूं. इस सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता को इसलिए भी जाता है क्योंकि उन्होंने मेरी तैयारी के शुरुआती दौर से ही मेरा साथ दिया. वो मुझे मैथ्य पढ़ाते थे, साथ ही मुझे जब भी किसी तरह की दिक्कत होती थी तो वो मेरे साथ हमेशा खड़े रहे. उन्होंने मुझे हमेशा बेहतर करने के लिए मोटिवेट भी किया. 

"मैथ्स से डरना करना होगा बंद"

इस परीक्षा के दौरान मैथ्स के फोबिया को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में चिडविलास ने कहा कि कुछ बच्चों को ऐसा जरूर लगता है कि मैथ्स बहुत कठिन है, लेकिन अगर हम इसमें रुचि लेकर इसे पढ़ें तो इसका फोबिया भी दूर हो जाएगा. मैं तो तैयारी करने वाले बच्चों से कहना चाहूंगा कि वो ऐसा ना मानें कि मैथ बहुत कठिन विषय है. अगर आप परीक्षा से पहले कुछ पेपर बनाते हैं और अपने पर भरोसा रखते हैं तो मैथ्स में अच्छा करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. 

"मोबाइल फोन से बनाई थी दूरी"

तैयारी को लेकर अपने रूटीन के बारे में चिडविलास ने कहा कि मेरा रूटीन रोज साढ़े सात बजे शुरू हो जाता था. मैं अपने रूटीन में स्ट्रेस को दूर करने के लिए हर रोज एक घंटे का समय खेलने के लिए भी निकालता था. अपने रूटीन के दौरान मैं सिर्फ इस बात पर फोकस करता था कि मैं जो भी पढ़ रहा हूं उसपर ही कॉन्संट्रेट कर सकूं. मैं तैयारी के दौरान मोबाइल फोन को खुदसे दूर रखता था ताकि मुझे कभी डिस्ट्रैक्शन ना हो.

"सोशल मीडिया का नहीं करता था इस्तेमाल"

मैंने 11वीं और 12वीं के समय से ही मोबाइल फोन का इस्तमाल करना ही बंद कर दिया था. मैं ऐसा नहीं सोचता था कि मैं कल से मोबाइल यूज नहीं करूंगा. मैं फोन का इस्तेमाल सिर्फ दोस्तों से बात करने के लिए करता था. मैंने अपनी तैयारी के दौरान सोशल मीडिया पर समय बर्बाद नहीं किया. मैंने खुदको हमेशा से तैयारी को लेकर फोकस रखा. मैंने घर पर ऐसा माहौल बनाया था कि मैं ज्यादा से ज्यादा समय अपनी किताब के साथ बिता सकूं. 

हैदराबाद में बेहतर है तैयारी का माहौल

हैदराबाद से ज्यादा बच्चों के चयन पर चिडविलास ने कहा कि हैदराबाद से इस बार ज्यादा बच्चे इसलिए चुने गए क्योंकि यहां तैयारी के लिए स्ट्रक्चर अच्छा है. यहां बच्चों को हर तरह की सुविधा मिलती है. चाहे बात टीचर की हो या फिर मैटेरियल की या फिर माहौल मिलने की, हैदराबाद में हर चीज उपलब्ध है. यहां बच्चों को मेंटर्स भी अच्छे मिलते हैं, इस वजह से ही यहां से ज्यादा बच्चे पास हो रहे हैं. 

कोचिंग से ज्यादा जरूरी है आपकी रुचि

कोचिंग कितना जरूरी होता है परीक्षा पास करने के लिए? इस सवाल के जवाब में चिडविलास ने कहा कि अगर आपकी रुचि है तो आपको किसी कोचिंग की जरूरत नहीं है. अगर आपकी रुचि साइंस और मैथ्स में है तो चाहे कैसे भी पढ़ लो आपका IIT-JEE में होगा ही. 

अभिभावक करें बच्चों को मोटिवेट

परीक्षा की तैयारी के दौरान आने वाले स्ट्रेस को लेकर चिडविलास ने कहा कि स्ट्रेस बच्चों को इसलिए भी होता है क्योंकि उनका पढ़ाई को लेकर रूटिन अच्छा नहीं है. अगर आप बगैर ब्रेक लिए पढ़ते हैं तो आपको स्ट्रेस होगा ही. ऐसे में जरूरी है कि आप पढ़ाई के साथ-साथ ब्रेक भी जरूर लें. मैं इस परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि वो अपने बच्चों के साथ खड़े रहें. उन्हें परीक्षा के परिणाम को लेकर पहले से ही तनाव ना दें. उन्हें जितना हो मोटिवेट करें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com