आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने संबोधित किया. केजरीवाल ने कहा कि बीते डेढ़ 2 साल से पूरा देश और दुनिया इस सदी की सबसे मुश्किल महामारी से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि 1918 के आसपास स्पेनिश फ्लू आया था वह भी इसी तरह खतरनाक था, अब 100 साल के बाद इस तरह की बीमारी आई है. इस दौरान आपकी आम आदमी पार्टी के दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर बहुत अच्छे प्रयास किए हैं, जिसके बारे में दिल्ली के अंदर चारों तरफ चर्चा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने प्रयास किए हैं. दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने प्रयास किए हैं.
उन्होंने कहा कि बहुत से काम पहली बार किए गए हैं, जैसे प्लाज्मा थेरेपी दिल्ली में पहली बार इस्तेमाल की गई. दुनिया का पहला प्लाज्मा बैंक दिल्ली में खुला. दिल्ली ने होम आइसोलेशन की तकनीक पूरी दुनिया को दी. इस दौरान कोरोना इलाज में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ शहीद हुए तो उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी गई. हम सब ने मिलकर कोरोना वायरस पर काबू पाया है. उम्मीद करता हूं कि तीसरी लहर ना आए.
केजरीवाल ने कहा, देशभर से मेरे पास खबरें आ रही थी कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर पर कोरोना काल में लोगों की खूब मदद की. यह सुकून देने वाली खबरें थी और इसी के लिए आम आदमी पार्टी बनी है. इस दौरान दिलीप पांडे की खूब चर्चा होती थी और पूरे देश में ढेरों दिलीप पांडे थे. आप सब लोगों ने जो कोरोना में काम किया उसके लिए आपको कोटि-कोटि नमन.
आम आदमी पार्टी देश के लिए बनी है समाज के लिए बनी है. येन केन प्रकारेण या किसी भी तरह सत्ता पाना आम आदमी पार्टी का मकसद नहीं है. पिछले 7 से 8 साल की हमारी यात्रा ने यह दिखा दिया है. आम आदमी पार्टी सेवा करने के लिए बनी है कुर्बानी और बलिदान देने के लिए बनी है. सीएम ने कहा, जितने भी नए सदस्य आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आए हैं वह लोग इस बात को गांठ बांध लें कि केवल एक चीज हमारे ध्यान में रहनी चाहिए कि कैसे हम समाज की सेवा कर सकते हैं देश की सेवा कर सकते हैं. जरूरत पड़े तो अपना सब कुछ देश के लिए कुर्बान करने के लिए तैयार रहना होगा. हमारे देश में बहुत बड़े-बड़े नेता हुए, स्वतंत्रता सेनानी है जिन की तरफ हम बहुत मान सम्मान की तरह देखते हैं, लेकिन मैं शहीद ए आजम भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर का नाम लेना चाहूंगा. यह दोनों आम आदमी पार्टी के परम आदर्श हैं और इन्हीं के बताए रास्ते पर आम आदमी पार्टी चल रही है.
शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने इतनी छोटी सी उम्र में सर्वोच्च बलिदान दिया. 23 साल की उम्र में बच्चा नौकरी और शादी के बारे में सोच रहा होता है लेकिन उस व्यक्ति ने न शादी के बारे में सोचा ना नौकरी के बारे में उसने देश के बारे में सोचा. भगत सिंह भी अगर यह सोच रहे थे कि देश आजाद होगा तो मुझको यह पद मिलेगा या वह पद मिलेगा तो क्या होता. हमको उनकी तरह सोचना है. बाबा साहब अंबेडकर गरीब परिवार से आए थे दलित परिवार से आए थे और उस जमाने में उन्होंने विदेशों से दो डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और देश का संविधान लिखा है.
सीएम ने कहा, मैं हर नए कार्यकर्ता-नेता से एक ही बात बोलता हूं कि आम आदमी पार्टी में कभी भी पद की इच्छा मत करना. हमको देश और समाज के लिए खूब जमकर काम करना है. अपने अपने क्षेत्र में काम करते रहो और जमकर काम करते रहो आपके अंदर का आनंद काम से आना चाहिए पद मिलने से नहीं. आपका काम ऐसा होना चाहिए कि पार्टी आपके पास आकर कहे कि आप यह पद ले लो, आपको पद मांगने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए. अगर आपको मेरे पास आकर पद मांगना पड़ जाए तो मतलब यह है कि आप उसके काबिल नहीं हो, ऐसा काम करो कि अरविंद केजरीवाल आपके पास आकर खुद कहें कि मैंने आपका काम देखा है आप यह पद ले लीजिए आप यहां से चुनाव लड़ लीजिए. ऐसे बहुत से लोग हैं जिनको जाकर मैं खुद बोलता हूं कि आप यह पद ले लीजिए आप यह यहां से टिकट ले लीजिए. अगर आपके मन में पद लेने की इच्छा जाग जाती है तो आपके मन में स्वार्थ जाग जाता है और जिसके मन में स्वार्थ जाग जाता है वह सेवा करने के लायक नहीं रहता. मैं नहीं चाहता कि एक ऐसा दिन आए कि लोग आम आदमी पार्टी की तरफ देखकर कहें कि यह लोग तो बीजेपी जैसे हो गए हैं या दूसरी पार्टी जैसे हो गए हैं अगर मन में पद की इच्छा जाग जाए तो उस को कंट्रोल करने का एक तरीका है कि अगर आप पहले 8 घंटे काम कर रहे हैं तो आगे 10 घंटे 12 घंटे 14 घंटे काम कीजिए.
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