दिल्लीः धार्मिक स्थलों पर पूजा की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए, SC के पूर्व जज ने CM अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र

दिल्ली में पूजा स्थलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ (सेवानिवृत्त) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र.

दिल्लीः धार्मिक स्थलों पर पूजा की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए, SC के पूर्व जज ने CM अरविंद केजरीवाल को लिखा पत्र

धार्मक स्थलों पर पूजा की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ ने दिल्ली के सीएम को लिखा पत्र.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ (सेवानिवृत्त) ने कहा है कि दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में धार्मिक स्थलों पर COVID-19 प्रोटोकॉल के साथ पूजा की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली के सीएम को पत्र लिखा है और कहा है कि शहर में महामारी की तीव्रता “काफी कम” हो गई है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में जस्टिस जोसेफ ने कहा, “यह जानकर बहुत खुशी और राहत मिली है कि दिल्ली में COVID-19 महामारी की तीव्रता में काफी कमी आई है … रेस्तरां, बार, थिएटर और ऑडिटोरियम जैसी कई गतिविधियों को 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है. साप्ताहिक बाजारों और स्पा के संचालन को भी अनुमति मिल गई है. अंतिम संस्कार और शादी जैसी सेवाओं में शामिल होने वाले लोगों की अनुमेय संख्या को बढ़ाकर 100 कर दिया गया है. ये सकारात्मक मार्कर हैं जो समाज के सामान्य स्थिति में वापस आने का संकेत देते हैं."

सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा, "हालांकि, दिल्ली सरकार के आदेश में धार्मिक स्थानों को लेकर कोविड प्रतिबंधों अभी पूर्ववत जारी हैं. जिसमें कहा गया है कि धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन किसी भी आगंतुक को अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रतिबंध केवल महामारी की दूसरी लहर के कारण फिर से लागू किए गए थे, जो अब काफी कम है."

उन्होंने पत्र में कहा, "... यह तथ्य की बात है कि लोगों को धार्मिक पूजा और सेवाओं में शामिल होने की अनुमति देने से ना केवल उनके गहरे तनाव को कम करने में मदद मिलेगी बल्कि उन्हें सकारात्मकता, आशा, आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास से भर देगा.. मैं आपके ध्यान में यह भी लाना चाहूंगा कि उपरोक्त तथ्यात्मक पृष्ठभूमि में, सार्वजनिक पूजा स्थलों में सेवाओं का निषेध भेदभावपूर्ण होगा और अनुच्छेद 14, 19, 21 और 25 के तहत गारंटीकृत संवैधानिक अधिकारों से वंचित हो सकता है."

जस्टिस जोसेफ ने कहा, "इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मामले को तुरंत देखें और दिल्ली में धार्मिक स्थलों में पूजा और सेवाओं की अनुमति दें, COVID-19 प्रोटोकॉल का सम्मान करते हुए.".

गुरुवार को, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि भारत अभी भी COVID-19 की दूसरी लहर से बाहर नहीं निकला है. लोगों को भीड़ जुटाए बिना घर पर दिवाली, ईद, नवरात्रि और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों को मनाना चाहिए.

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नीती आयोग के सदस्य व COVID-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा था, "गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और ईद त्योहार आ रहे हैं. इस साल भी, पिछले साल की तरह, उन्हें प्रतिबंधात्मक तरीके से मनाने की आवश्यकता होगी और सभी से घर पर रहने की हमारी अपील है."