कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद, कर्नाटक के पूर्व मंत्री प्रमोद माधवराज ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की उपस्थिति में बीजेपी का दामन थाम लिया. गौरतलब है कि पूर्व विधायक और राज्य के मंत्री माधवराज ने दिन में कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में शामिल होंगे.
माधवराज ने शनिवार को कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को भेजे इस्तीफे में लिखा था कि ''मुझे आपको यह बताते हुए खेद हो रहा है कि पिछले तीन वर्षों से, उडुपी जिले में कांग्रेस पार्टी की स्थिति मेरे लिए एक बुरा अनुभव रही है, इस प्रकार राजनीतिक घुटन पैदा हो गई है और तथ्य आपके व पार्टी के अन्य नेताओं के सामने लाए गए हैं.'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पार्टी की उडुपी इकाई की मौजूदा स्थिति के बारे में उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
माधवराज ने कहा कि उडुपी की परिस्थितियों के कारण, वह एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां उनके लिए कांग्रेस में बने रहना और हाल ही में उन्हें मिले नए पद के साथ न्याय करना असंभव हो गया है.उन्होंने अपने त्याग पत्र में कहा, ''इसलिए, मैंने केपीसीसी के उपाध्यक्ष पद को स्वीकार नहीं करने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देने का फैसला किया है.''
शुक्रवार को उडुपी के भाजपा विधायक के. रघुपति भट ने जब मालपे बीच पर राज्य के पहले फ्लोटिंग पुल का उद्घाटन किया, तब माधवराज उनके साथ थे.उडुपी के रहने वाले माधवराज ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मत्स्य पालन, खेल और युवा अधिकारिता मंत्री के रूप में काम किया था.
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