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This Article is From Aug 16, 2022

मद्रास हाई कोर्ट ने छात्र को ‘नो कास्ट, नो रिलीजन’ प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया

मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने मंगलवार को संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अम्बात्तुर स्थित एक स्कूल में दाखिले के लिये एक छात्र को ‘कोई जाति नहीं, कोई धर्म नहीं (नो कास्ट, नो रिलीजन)’ प्रमाणपत्र जारी करें.

मद्रास हाई कोर्ट ने छात्र को ‘नो कास्ट, नो रिलीजन’ प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया
यह आदेश स्थानीय तहसीलदार की सिफारिशों पर आधारित है.
चेन्नई :

मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने मंगलवार को संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अम्बात्तुर स्थित एक स्कूल में दाखिले के लिये एक छात्र को ‘कोई जाति नहीं, कोई धर्म नहीं (नो कास्ट, नो रिलीजन)' प्रमाणपत्र जारी करें. न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दुस ने मंगलवार को जे. युवान मनोज की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आशय का आदेश पारित किया. यह आदेश स्थानीय तहसीलदार की सिफारिशों पर आधारित है. युवान मनोज के पिता जगदीशन ने अपनी रिट याचिका में कहा है कि वह अनुसूचित जाति (SC) से ताल्लुक रखते हैं और दोनों परिवारों के विरोध के बावजूद उन्होंने अगड़ी जाति की एक लड़की से विवाह (Marriage) किया है.

उनकी पत्नी ने अप्रैल, 2019 में एक बच्चे को जन्म दिया. याचिका के मुताबिक, जगदीशन जब अम्बात्तुर के एक स्कूल में अपने बेटे का दाखिला कराने पहुंचे, तो अधिकारियों ने उनसे जाति और धर्म का कॉलम भरने को कहा. उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद बच्चे को स्कूल में दाखिला नहीं मिला. इसलिए उन्होंने यह रिट चायिका दायर की है.

हाल ही में यह मामला सामने आने पर स्थानीय तहसीलदार ने 16 अगस्त को एक आदेश जारी करके कहा कि याचिकाकर्ता को ‘नो कास्ट, नो रिलीजन' प्रमाणपत्र जारी किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. इस दलील को रिकॉर्ड में लेते हुए न्यायमूर्ति कुद्दुस ने संबंधित अधिकारियों को आवेदक के अनुरोध के अनुसार प्रमाणपत्र जारी करने को कहा.


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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