ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. मामले में ज्ञानवापी मस्ज़िद की ओर से पक्ष रखते हुए वकील अभय नाथ यादव ने कहा कि कोर्ट का आदेश था कि सर्वे की कार्यवाही बिल्कुल गोपनीय रहेगी लेकिन बाहर मीडिया में आकर ज़ोर-ज़ोर से पक्षकारों ने सर्वे की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है. कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट दाख़िल करने के लिए दो दिन का वक़्त मांगा. मामले में हिंदू पक्ष ने कहा, 'हमने नई एप्लिकेशन लगाई है.हम मांग करते हैं कि दीवार हटाकर हमें मलबा हटाकर शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई नापने की इजाज़त दी जाए. इसका नया सर्वे कराया जाए. कोर्ट इस कार्यवाही के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करे.' मामले में सुनवाई पूरी हो गई है. जल्द ही कोर्ट फैसला जाएगा.
कोर्ट कमिश्नर ने कहा, 'हमने बिना भेदभाव के काम किया है. मैं अपनी रिपोर्ट बिना भेदभाव के दूंगा. ये दोनों धर्मों की आस्था की बात है.' मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा, 'जो वक़ील अंदर गए भी नहीं, वो मीडिया में आकर बयान दे रहे हैं. मैंने किसी चैनल को सर्वे की बारे में नहीं बोला. मैंने सबसे यही कहा कि सर्वे में जो है वो रिपोर्ट पेश होने के बाद बोलूंगा. ' इस पर हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि हम मीडिया को नहीं रोक सकते. मीडिया किसी से भी बात करने के लिए स्वतंत्र है.कोर्ट थोड़ी देर में कोर्ट कमिश्नर द्वारा मांगे गए दो दिन के वक्त पर आदेश देगा.बाक़ी दो अर्ज़ियों पर (शौचालय, पानी के पाइप, और मछली के स्थानांतरण) और शिवलिंग की ऊंचाई, लंबाई नापने वाली याचिका पर कोर्ट बाद में सुनवाई करेगा.
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ज्ञानवापी मस्जिद मामला : समझें, सिर्फ एक मिनट में
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