मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना में शनिवार तड़के शिकारियों (Poachers) ने 3 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद सरकार के तेवर सख्त हैं. पता चला है कि गुना का तीसरा अवैध शिकारी भी ढेर हो गया है. पांच हिरण और तीन पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले शिकारियों में से अब तक तीन एनकाउंटर में मारे गए हैं. 13-14 मई की दरम्यानी रात दावत के लिए आरोपियों ने हिरण और मोर का शिकार किया था. वहां पकड़ने गई पुलिस पार्टी पर फायर किए थे जिसमें एक SI समेत तीन पुलिसकर्मियों की मुठभेड़ में मौत हो गई थी. मौके पर एक शिकारी नौशाद की भी एनकाउंटर में मौत हो गई थी. दूसरा शिखारी शहजाद राघोगढ़ पहाड़ी के पास एनकाउंटर में ढेर हो गया था. तीसरे आरोपी के मोटरसाइकिल से राजस्थान भागने की सूचना मिली थी.
आज तड़के करीब 5.30 बजे पुलिस की घेराबंदी कर तेजाजी चबूतरा के पास आरोपी को सरेंडर करने कहा तो मोटरसाइकिल पटक कर आरोपी छोटू उर्फ जहीर ने पुलिस पर फायर कर भागने का प्रयास किया. आत्मरक्षा में पुलिस के किए फायर में बदमाश ढेर हो गया. इसके साथ ही दो अन्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. तीन अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
घटना के बाद गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा था कि कानून अपना काम सख्ती से करेगा. अपराधी अच्छे से समझ ले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. कार्रवाई ऐसी होगी कि नजीर बनेगी. "इन बेगुनाहों के गुनहगार - नौशाद, शहजाद, गुल्ला, दिलशाद और बबलू खान ने 400 बारातियों को खिलाने के लिये 4 काले हिरण और एक मोर को मार दिया.
कांग्रेस अब इन आरोपियों की तस्वीरें बीजेपी नेताओं के साथ दिखा रही है तो वहीं बीजेपी का आरोप है कि शिकारियों को कांग्रेस का संरक्षण है. मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा "स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है उनका आरोप है राधौगढ़ किले से जुड़े लोग जिनकी आदत इस प्रकार की आज से नही लगातार करते आए हैं.... इनको हमेशा इस प्रकार का संरक्षण मिला है.... इस की जांच होनी चाहिए कि दिग्विजय सिंह जी का आरोपियों से क्या संबंध है..... जांच एजेंसियों को भी इस संबंध में जांच करनी चाहिए". वहीं कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा "शिवराज जी, आपने सत्ता के बदले में ग्वालियर और चंबल संभाग को उन लोगों को ठेके पर दे दिया हैं जो आपकी सत्ता हवस पूरी करने के सहयोगी बने हैं.
गुना के गुनाहगारों को बीजेपी के नेता और एक मंत्री का संरक्षण सामने आने के बाद भी आप मौन हैं. " सरकार ने इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक ली, कहा अपराधियों को नहीं छोड़ेंगे. लेकिन हकीकत में, पिछले 5 महीने में पुलिसवालों पर 51 से ज्यादा हमले हुए हैं. राज्य में हर साल अवैध शिकार के लगभग 600 केस दर्ज होते हैं, जिसमें 2500 से ज्यादा केस कोर्ट में लंबित हैं. 2021 में वन अपराध के 52205 मामले दर्ज हुए हैं. ये हालात इसलिये भी हैं क्योंकि राज्य में 308252 वर्ग किमी में फैले जंगल की. सुरक्षा में 16898 वनकर्मी तैनात हैं. आरक्षक और वन क्षेत्रपालों के ही 4000 से ज्यादा पद खाली हैं.
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