हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन शुरू होने में अब केवल दो दिन ही बचे हैं. लेकिन अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. टिकटों के लिए मचे घमासान से बीजेपी परेशान है. बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक पिछले हफ्ते ही हुई थी, लेकिन अभी तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. इस बीच ऐसी खबरें हैं कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खेमे की मांग पर अभी बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व सहमत नहीं हो पा रहा है. इसी वजह से उम्मीदवारों के नाम के एलान में देरी हो रही है.
दिल्ली में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कर रहा है टिकटों पर मंथन
हरियाणा के उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली में बीजेपी नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. ऐसी ही एक बैठक पार्टी मुख्यालय में सोमवार देर शाम हुई. इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उम्मीदवारों के नाम पर विस्तार से चर्चा की. इस बैठक में राव इंद्रजीत सिंह को खासतौर पर बुलाया गया था. राव इंद्रजीत सिंह पार्टी नेतृत्व से दक्षिण हरियाणा में 10 सीटें मांग रहे हैं. लेकिन नेतृत्व उन्हें इतनी सीटें देने को तैयार नहीं हैं.इसी बात पर पेंच फंसा हुआ है.
दक्षिण हरियाणा की जिन सीटों पर पेच फंसा हुआ है, उनमें रेवाड़ी, अटेली, गुरुग्राम, बादशाहपुर, बावल, नारनौल, पटौदी और सोहना जैसी सीटें शामिल हैं.
क्या बीजेपी मोल लेगी राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी
राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में तीसरी बार राज्य मंत्री बनाए जाने से खासे नाराज हैं. वो अपनी नाराजगी को कई मौकों पर जाहिर भी कर चुके हैं. वह कई बार कह चुके हैं कि हरियाणा में सरकार का रास्ता अहीरवाल से ही होकर जाता है. वो इशारों ही इशारों में पार्टी नेतृत्व को चेताते रहते हैं.वो मुख्यमंत्री बनने की इच्छा भी जता चुके हैं.लेकिन पार्टी नेतृत्व ने कहा है कि इस बार का चुनाव नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.इससे उनकी उम्मीदों को झटका लगा है.राव इंद्रजीत सिंह छह बार सांसद रह चुके हैं. इसमें से तीन बार वो लगातार बीजेपी के टिकट पर जीते हैं.
राव इंद्रजीत सिंह का दक्षिण हरियाणा में अच्छा-खासा प्रभाव है.ऐसे में चुनाव जैसे नाजुक मौके पर बीजेपी नेतृत्व उन्हें और नाराज नहीं करना चाहता है. उसकी कोशिश है कि बीच का कोई रास्ता निकाला जाए.अगर राव इंद्रजीत नाराज हुए तो दक्षिण हरियाणा में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इससे लगातार तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने में बीजेपी को मुश्किल आ सकती है.
हरियाणा के अहीरवाल की राजनीति
दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ को अहीरवाल के रूप में जाना जाता है. भिवानी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह में भी यादवों की अच्छी-खासी संख्या है. अहीरवाल में गुरुग्राम, सोहना, पटौदी, बादशाहपुर, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, रेवाड़ी, बावल, कोसली और अटेली जैसी करीब 20 विधानसभा सीटें आती हैं.यहां यादव मतदाता निर्णायक माने जाते हैं.
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