ग्राउंड रिपोर्ट: वडोदरा में बागी बिगाड़ेंगे BJP का खेल? कांग्रेस का सरकार बनाने का दावा

वडोदरा की 13 विधानसभा सीट में से 3 पर बागियों ने बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी की है. बागियों को मनाने की बीजेपी की तमाम कोशिशें नाकाम रही है.

अहमदाबाद:

गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीटीवी की चुनावी यात्रा चल रही है. नवसारी और सूरत के बाद हमारी टीम वडोदरा पहुंची. प्रदेश के विभिन्न शहरों में लोगों से बात कर हम ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके असल मुद्दे क्या हैं? वडोदरा संस्कृति के साथ ही शिक्षा का भी एक बड़ा केन्द्र है. एनडीटीवी संवाददाता संकेत उपाध्याय ने यहां ये जानने की कोशिश की कि इस बार के चुनाव में इस क्षेत्र में किसका पलड़ा भारी है? बीजेपी के कई बागी उम्मीदवार मैदान में हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या बागी बीजेपी का खेल बिगाड़ देंगे?

वडोदरा इन दिनों गुजरात चुनाव में बागियों का भी केंद्र बन गया है. बीजेपी ने हाल ही में 12 बागियों को अपनी पार्टी से निलंबित किया है. इनमें से तीन वडोदरा जिले से ही हैं. ये सभी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने इस चुनाव में 38 सिटिंग विधायकों को टिकट नहीं दिया है.

वडोदरा की 13 विधानसभा सीट में से 3 पर बागियों ने बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी की है. बागियों को मनाने की बीजेपी की तमाम कोशिशें नाकाम रही है. कुछ बागियों ने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी या अमित शाह खुद बोलते तो शायद बात बन जाती. 2017 में वडोदरा में बीजेपी को 9 तो कांग्रेस को 4 सीटें मिली थी. लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी अपना भाग्य आजमा रही है.

6 बार के विधायक रहे बीजेपी के एक बागी मधु भाई श्रीवास्तव ने कहा कि मैं 1995 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीता था, उसके बाद बीजेपी ने 5 बार मुझे बुलाकर टिकट दिया था. लेकिन इस बार नहीं दिया. इसीलिए मैं फिर से निर्दलीय मैदान में उतरा हूं और बड़े मतों से जीतूंगा.

बीजेपी के बागियों पर कांग्रेस ने कहा कि वो खुद को अनुशासित पार्टी बताती थी, लेकिन 27 साल में जनता और उनके खुद के नेता ने देख लिया कि वो आपस में ही लड़ रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत से जीतेगी.

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विश्लेषकों का कहना है कि ये बीजेपी के लिए काफी कठिन है, क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक साथ 18 उम्मीदवार बीजेपी के बागी बनकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. 2022 का चुनाव बीजेपी के लिए वॉर्निंग बेल है. वहीं आम आदमी पार्टी भी गुजरात विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन का दावा कर रही है.