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Ground Report: अमेठी के बजाय रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतना राहुल गांधी के लिए कितनी बड़ी चुनौती?

Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश सिंह गांव-गांव घूमकर लोगों से वोट मांग रहे, वे खुद को स्थानीय बताकर गांधी परिवार को जनता की पहुंच से दूर बता रहे.

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Ground Report: अमेठी के बजाय रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतना राहुल गांधी के लिए कितनी बड़ी चुनौती?
रायबरेली में प्रियंका गांधी कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी के प्रचार के लिए लगातार नुक्कड़ सभाएं कर रही हैं.
रायबरेली:

रायबरेली (Rae Bareli) में भाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जिताने के लिए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) चाणक्य की भूमिका में उतरी हैं. उन्होंने बीते दो दिनों में रायबरेली में 20 से ज्यादा सभाएं करके धुंआधार चुनाव प्रचार किया. वे बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साध रही हैं और राहुल गांधी की न्याय यात्रा का जिक्र कर रही हैं. बीजेपी  उम्मीदवार दिनेश सिंह ने प्रियंका के प्रचार करने पर संदेह जताते हुए कहा है कि 'दाल में कुछ काला' लग रहा है.  बीजेपी का तर्क है कि राहुल गांधी हार के डर से अमेठी में नहीं उतरे, लेकिन मां की सीट रायबरेली में चुनाव लड़ रहे हैं. यहां की जनता उन्हें नकार देगी. ऐसे में सवाल है कि अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ने को लेकर राहुल गांधी के सामने क्या चुनौतियां हैं?

गांधी परिवार की सियासी जमीन रायबरेली में भाई राहुल के लिए प्रियंका गांधी वोट मांग रही हैं. उनका काफिला जब रायबरेली से करीब 25 किलोमीटर दूर शिवगण की तरफ बढ़ा तो वे रास्ते में एक बुजुर्ग महिला से मिलकर, उनको पकड़कर रोने लगीं. जैसे-जैसे उनका काफिला आगे बढ़ता गया, उनको देखने और मिलने के लिए लोगों में होड़ लगती गई. करीब 30 मिनट बाद उन्होंने हलोर कस्बे में गाड़ी के ऊपर बैठकर लोगों को संबोधित किया. प्रियंका गांधी ने कहा कि, ''मैं अपने भाई के लिए वोट मांगने आई हूं. राहुल जी वे आदमी हैं जिन्होंने न्याय यात्रा निकाली थी.''

एक दिन में 16 नुक्कड़ सभाएं

प्रियंका गांधी ने एक ही दिन में 16 नुक्कड़ सभाएं कीं. वे सभाओं में प्रधानमंत्री मोदी पर तीखे हमले करती रहीं. वे देर शाम को रायबरेली लौटीं. प्रिंयका गांधी ने कहा कि, ''बताईए प्रधानमंत्री कहते हैं कि एक पार्टी मंगलसूत्र और एक भैंस खोल ले जाएगी. यह स्तर प्रधानमंत्री का है. क्या मोदी जी ने हमारे देश के राजनीतिक स्तर को बहुत गिरा दिया है.''

उधर, रायबरेली में दूसरी बार बीजेपी ने दिनेश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. एक समय दिनेश सिंह सोनिया गांधी कैंप में रहे हैं, लेकिन अब उनके घर पंचवटी को गांधी परिवार के विरोध का मजबूत गढ़ माना जाता है. दिनेश सिंह भी गांव-गांव घूमकर लोगों से वोट मांग रहे हैं. वे खुद को स्थानीय बताकर गांधी परिवार को जनता की पहुंच से दूर बताते हैं.

दिनेश सिंह का प्रचार करेंगे अमित शाह और योगी

दिनेश सिंह के प्रचार के लिए 12 मई को गृह मंत्री अमित शाह और 13 मई को योगी आदित्यनाथ आ रहे हैं. दिनेश सिंह कहते हैं कि यहां प्रियंका गांधी का चुनाव प्रचार करना दाल में काला लग रहा है. दिनेश सिंह ने कहा कि, ''प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार कर रही हैं. बोल रही हैं कि यहां 10 साल उनकी मां ने प्रतिनिधित्व किया..मुझे तो दाल में काला लग रहा है.''

रायबरेली के सियासी गढ़ पर बीते 66 साल से गांधी परिवार का कब्जा रहा है. एक समय 2009 का था जब सोनिया गांधी को 72 फीसदी और बीजेपी को महज तीन फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 2019 में बीजेपी को करीब 38 फीसदी और कांग्रेस को करीब 55 फीसदी वोट मिले. यानी बीजेपी यहां अपना वोट प्रतिशत लगातार बढ़ा रही है. वैसे रायबरेली में कांग्रेस की मजबूती के पीछे राजीव गांधी विमानन विश्वविद्यालय, पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान और राजीव गांधी फुटवेयर जैसी संस्थाएं हैं, जो कांग्रेस के शासन काल की देन हैं. 
रायबरेली से जुड़ा गांधी परिवार का नाम

स्थानीय निवासी हरचंद सिंह ने कहा कि, ''यहां था क्या, कुछ नहीं.. लेकिन गांधी परिवार के आने के बाद रायबरेली, रायबरेली हुआ.'' एक अन्य व्यक्ति ने कहा- ''बीजेपी ने सड़कें बनवाईं. यहां के विकास में बीजेपी ने भी बड़ा काम किया है, लेकिन मंहगाई और रोजगार पर कुछ नहीं हुआ.''

उत्तर प्रदेश में रायबरेली उन चंद सीटों में है जहां कांग्रेस का जनाधार हर जाति में दिखता है, लेकिन कांग्रेस के इस गढ़ में बीजेपी बहुत तेजी से युवाओं के बीच अपनी पैठ बढ़ा रही है, जो कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. 

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