पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
क्या NSCN(K) से भारत सरकार को दुबारा बातचीत शुरू करनी चाहिये? इस बात को लेकर सरकार के सुरक्षा तंत्र में दो मत हैं। हाल में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उन्होंने साफ़ कहा है कि नागा लोग शांति चाहते हैं। वो अगर खपलांग ग्रुप से बातचीत दुबारा शुरू कर मिलती है तो भारत सरकार को पहल करनी चाहिए।
जितेंद्र सिंह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'मैं अभी दिमापुर गया था, वहां मैं लगभग 40 प्रतिनिधि मंडलों से मिला, सबने कहा कि कोई नहीं चाहता कि वहां दुबारा बंदूकें चलें, सब शांति चाहते हैं, विकास चाहतें हैं।'
जितेंद्र सिंह हाल में जॉइंट इंटेलिजेंस समिति के प्रमुख और नगालैंड के इंटरलॉकटोर आर.एन. रवि के साथ दिमापुर गए। वापस आकर उन्होंने रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी है।
हालांकि सुरक्षा तंत्र में एक तबका नहीं चाहता की खपलांग गुट से दुबारा बातचीत हो। उधर राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार म्यांमार पहुंचे वहां की सरकार से बात करने कि उनके इलाकों में चल रहे खपलांग के कैम्प्स पर वो जोर डालें कि वो भारत से दुबारा बातचीत शुरू करें।
इस राय से गृह मंत्रालय भी खुश नहीं है। उसके मुताबिक खपलांग ने खुद बातचीत की डोर तोड़ी है इसलिए उससे अब बातचीत नहीं की जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'हमने मार्च 17 को चिठ्ठी लिखी कि अगले महीने सॉसेफिरे के मुतालिक मीटिंग है, लेकिन खपलांग ने 23 मार्च को ही सॉसेफिरे ख़त्म करने का ऐलान कर दिया।' उनका कहना है, 'अगर बातचीत दुबारा शुरू की गयी तो बाकी के गुटों को एक गलत सन्देश जाएगा।' वैसे रॉ भी लगातार ये इनपुट्स दे रहा था कि खपलांग ग्रुप पिछले एक साल से सॉसेफिरे ख़त्म करना चाहता है।
जितेंद्र सिंह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'मैं अभी दिमापुर गया था, वहां मैं लगभग 40 प्रतिनिधि मंडलों से मिला, सबने कहा कि कोई नहीं चाहता कि वहां दुबारा बंदूकें चलें, सब शांति चाहते हैं, विकास चाहतें हैं।'
जितेंद्र सिंह हाल में जॉइंट इंटेलिजेंस समिति के प्रमुख और नगालैंड के इंटरलॉकटोर आर.एन. रवि के साथ दिमापुर गए। वापस आकर उन्होंने रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी है।
हालांकि सुरक्षा तंत्र में एक तबका नहीं चाहता की खपलांग गुट से दुबारा बातचीत हो। उधर राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार म्यांमार पहुंचे वहां की सरकार से बात करने कि उनके इलाकों में चल रहे खपलांग के कैम्प्स पर वो जोर डालें कि वो भारत से दुबारा बातचीत शुरू करें।
इस राय से गृह मंत्रालय भी खुश नहीं है। उसके मुताबिक खपलांग ने खुद बातचीत की डोर तोड़ी है इसलिए उससे अब बातचीत नहीं की जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'हमने मार्च 17 को चिठ्ठी लिखी कि अगले महीने सॉसेफिरे के मुतालिक मीटिंग है, लेकिन खपलांग ने 23 मार्च को ही सॉसेफिरे ख़त्म करने का ऐलान कर दिया।' उनका कहना है, 'अगर बातचीत दुबारा शुरू की गयी तो बाकी के गुटों को एक गलत सन्देश जाएगा।' वैसे रॉ भी लगातार ये इनपुट्स दे रहा था कि खपलांग ग्रुप पिछले एक साल से सॉसेफिरे ख़त्म करना चाहता है।
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