आप बनाम पंजाब राज्यपाल मामले में आज कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लिया गया है. दोबारा विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है. वहीं इस मुद्दे पर एनडीटीवी से बात करते हुए आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि 'ऑपरेशन लोटस का हिस्सा बन गए हैं राज्यपाल.' आप सांसद ने कहा कि गवर्नर द्वारा सदन को बुलाने की अनुमति पर रोक लगाना गैरसंवैधानिक और गैरकानूनी है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ये शक्ति और अधिकार क्षेत्र सरकार का ना होता सदन बुलाने का नहीं होता तो फिर गवर्नर साहब पहले अनुमति क्यों देते?
आप सांसद ने कहा कि राज्यपाल को एक पोस्टमास्टर की तरह काम करना होता है कि चिट्ठी आयी मंत्रिमंडल की सदन बुलाओ उन्हें ये चिट्ठी स्पीकर को आगे बढ़ा देना होता है. वो सरकार द्वारा पारित निर्णय से बंधे हुए होते हैं. लेकिन यहां कुछ अलग ही हो रहा है. बीजेपी पंजाब में 25-25 करोड़ रुपये देकर आप के विधायकों को खरीद रही थी. हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं.
गौरतलब है कि इस पूरे मामले सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि राज्यपाल कैबिनेट द्वारा बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खत्म है. दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाज़त दी. जब ऑपरेशन लोटस फ़ेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फ़ोन आया कि इजाज़त वापिस ले लो, आज देश में एक तरफ संविधान है और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस. राज्यपाल के इस कदम की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया था कि राज्यपाल द्वारा विधानसभा ना चलने देना देश के लोकतंत्र पर बड़े सवाल पैदा करता है... अब लोकतंत्र को करोड़ों लोगों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि चलाएंगे या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया हुआ एक व्यक्ति... एक तरफ भीमराव जी का संविधान और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस...जनता सब देख रही है...
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