सरकार ने कोयला खदानों के आवंटन मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि वह ईंधन की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के लिये शीर्ष अदालत से मामले के शीघ्रता से निपटान का अनुरोध करेगी।
कोयला तथा बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रही है कि 1993 तथा 2010 के बीच 'अवैध' तरीके से आवंटित खानों का क्या किया जाए।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। न्यायालय ने आज कहा कि नीलामी व्यवस्था से पहले 1993 से 2010 के बीच राजग और संप्रग सरकारों द्वारा किए गए कोयला ब्लाकों के सभी आबंटन गैरकानूनी तरीके से 'तदर्थ और लापरवाही' के साथ तथा बगैर 'दिमाग लगाए' किए गए।
गोयल ने यह भी कहा कि इससे अनिश्चितता दूर हुई है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत का कोयला खदानों के आवंटन पर अंतिम फैसला आने के साथ सरकार तेजी से कदम उठाने को तैयार है।
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