घाटकोपर होर्डिंग गिरने के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी भावेश भिंडे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें भिंडे ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए जमानत की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया है.
भावेश भिंडे ने अपनी याचिका में कहा है कि 13 मई की घटना, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई और 74 लोग घायल हुए, एक प्राकृतिक आपदा थी और इसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. इसके साथ ही याचिका में अपने दावों को साबित करने के लिए हवा की गति मापने वाले बीफोर्ट स्केल का भी उल्लेख किया है.
याचिका के अनुसार IMD ने 12 मई को दोपहर 1:45 बजे एक ऑल इंडिया वेदर समरी और फोरकास्ट बुलेटिन जारी किया था. उस बुलेटिन में मुम्बई में धूल भरी आंधी और तेज़ हवाओं की संभावनाओं का कहीं भी उल्लेख नही किया गया था. लेकिन 13 मई की शाम लगभग 4:15 बजे, मुंबई में 60 किमी प्रति घंटा से 96 किमी प्रति घंटा की गति वाली धूल भरी आंधी और तेज़ हवाएं चलीं, जो अत्यधिक असामान्य, और पहले कभी अनुभव नहीं की गई थीं. IMD ने पुष्टि की थी कि BMC के ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन द्वारा रिकॉर्ड की गई 96 किमी प्रति घंटा की हवा की गति होर्डिंग को प्रभावित कर रही थी.
इन्ही कारणों से होर्डिंग गिर गया और न की निर्माण में की गई लापरवाही के कारण जैसा की दवा एफआईआर में किया गया है. याचिका में यह भी कहा गया है की IMD द्वारा बताई गई हवा की गति असामान्य थी और यह "एक्ट ऑफ गॉड" था, जिसके कारण होर्डिंग गिर गई और यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी. तो इस लिए वे हादसे के लिए ज़िमेदार नहीं है.
14 मई को मुंबई में आए धूल भरे तूफान में होर्डिंग के गिरने के बाद 16 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 74 अन्य लोग घायल हो गए थे. घाटकोपर में ईंधन स्टेशन पर जो होर्डिंग गिरी, वह 120X120 फुट की संरचना थी. इतनी बड़ी कि इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया और बीएमसी ने कहा है कि वह 40X40 फीट से अधिक आकार के होर्डिंग की अनुमति नहीं देती है.
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