गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर इस बार तेजस विमान (Tejas Aircraft) का शौर्य देखने को मिलेगा. पिछले दिनों जिन स्वदेशी हथियारों और विमानों का ज़िक्र बार-बार होता रहा है, उनमें तेजस भी शामिल है. 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर तेजस भी दम देखने को मिलेगा. तेजस विमान चार विमानों के फॉर्मेशन में उड़ेंगे. बता दें कि नवंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस विमान में उड़ान भरी थी. ये अपनी श्रेणी में दुनिया का सबसे छोटा-हल्का लड़ाकू विमान है.
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तेजस हर मौसम में भर सकता है उड़ान
तेजस मल्टीरोल विमान है. ये हमला करने के साथ ही बचाव और निगरानी करने में भी सक्षम है. तेजस 4.5 पीढ़ी का विमान है, जिसका निर्माण एचएएल ने किया है. इस सिंगल इंजन लड़ाकू विमान में ताक़तवर जीई इंजन लगे हैं और ये हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.तेजस की लंबाई 13.2 मीटर, चौड़ाई 8.2 मीटर और ऊंचाई 4.4 मीटर है. इसका वज़न हथियार से साथ सिर्फ 6500 किलोग्राम है. ये 13,500 किलोमीटर तक पेलोड लेकर जा सकता है.
तेजस में दूसरे रडार जाम करने की क्षमता
तेजस की रफ़्तार 2000 किलोमीटर की है. इसमें लगे ASEA रडार इसे दूसरो की निगाह में आने से बचाए रखते हैं. तेजस की खासियत यह है कि ये विमान दूसरे रडार जाम भी कर सकता है. इसमें दृश्य सीमा के बाहर मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं, जो एक साथ कई जगह वार कर सकती हैं.
तेजस में हवा में भरा जा सकता है ईंधन
तेजस 50,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. इस विमान को भारतीय वायुसेना में साल 2016 में शामिल किया गया था. फिलहाल इसके दो स्क्वाड्रन हैं और ये पुराने पड़ चुके मिग 21 की जगह लेगा. खास बात यह है कि तेजस के भीतर हवा में भी ईंधन भरा जा सकता है. तेजस में 8 हार्ड प्वाइंट हैं, जिनमें जरूरत के मुताबिक बम या मिसाइल लग सकती है. तेजस विमान कई एयर शो में धूम मचा चुका है, इसे भविष्य का विमान माना जा रहा है.
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