- अमेरिका से भारत लाया गया अनमोल बिश्नोई को NIA ने 11 दिनों की रिमांड पर लिया है उससे कई मामलों में पूछताछ होगी.
- NIA ने बताया कि अनमोल एक क्रिमिनल-टेरर सिंडिकेट का हिस्सा है जो आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाता था.
- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और गैंगस्टरों का गठजोड़ पंजाब में आतंक फैलाने में सक्रिय है.
Anmol Bishnoi Crime History: लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई 11 दिनों की NIA रिमांड में भेजा जा चुका है. अब उससे NCP नेता बाबा सिद्धीकी मर्डर केस, पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस, सलमान खान के घर फायरिंग सहित अन्य मामलों में पूछताछ होगी. बुधवार को अमेरिका से भारत लाए जाने के बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट स्थित NIA कोर्ट में पेश किया गया था. जहां जांच एजेंसी ने 15 दिनों की रिमांड की मांग की थी. दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अनमोल को 11 दिनों की रिमांड पर भेजा है. अनमोल की रिमांड कॉपी में NIA ने उसके बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और गैंगस्टरों के गठजोड़ का मामला भी सामने आया है.
अनमोल क्रिमिनल-टेरर सिंडिकेट का हिस्साः NIA
NIA ने कोर्ट को बताया कि अनमोल बिश्नोई एक ऐसे क्रिमिनल-टेरर सिंडिकेट का हिस्सा है, जो देश-विदेश में बैठकर आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे जुटाता था, युवाओं की भर्ती करता था, बड़े लोगों की टारगेट किलिंग की साजिश रचता था और सोशल मीडिया पर इन वारदातों का प्रचार करके आतंक फैलाता था.
गैंगस्टर टेरर नेटवर्क को लेकर NIA ने कोर्ट में क्या कहा?
NIA ने कोर्ट में बताया कि पंजाब की पाकिस्तान से लगी सीमा 553 किलोमीटर लंबी है, और इसके आसपास 456 गांव पड़ते हैं. यह इलाका बहुत संवेदनशील है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पास होने की वजह से पाकिस्तान और उसके इशारे पर चलने वाले लोग लगातार भारत में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करते रहे हैं.
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पंजाब में अशांति के लिए पाकिस्तान से आ रहे थे निर्देश
हाल के समय में पाकिस्तान लगातार कोशिश कर रहा है कि पंजाब में अशांति फैलाई जाए. इसके लिए खालिस्तान आंदोलन को फिर से हवा दी जाए. आतंकवादी हमलों के जरिए राज्य और देश में शांति बिगाड़ी जाए. कई गिरफ्तार आतंकियों ने भी माना है कि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी समर्थक उन्हें निर्देश देते थे और भारत में हमले कराते थे.
ISI और गैंगस्टरों की जुगलबंदी
पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI ने कई भारतीय गैंगस्टरों हरविंदर रिंदा, लखबीर सिंह लांडा और अर्श डल्ला को आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. ये गैंगस्टर अब विदेशों (कनाडा, पाकिस्तान) से अपने नेटवर्क को चलाते हैं और भारत में टारगेट किलिंग करवाते हैं.

मुंबई अंडरवर्ल्ड जैसी हत्या का पैटर्न
इन गैंगस्टरों ने बेरोज़गार युवाओं को लाखों रुपये का लालच दिया या विदेश भेजने का वादा किया. ताकि वे उनके लिए सुपारी किलर, एग्जीक्यूशनर बन जाएँ और हाई-प्रोफाइल हत्याएँ कर सकें. इन हत्याओं का पैटर्न क्या है... इस पर NIA ने बताया कि ये हत्याएं वैसे ही होती हैं जैसे 90 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड के समय हुआ करता था. सिद्धू मूसेवाला की हत्या, राजू ठेठ की हत्या, प्रदीप कुमार की हत्या इसी पैटर्न का हिस्सा हैं.
उत्तर भारत के गिरोह अब बड़ा खतरा
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, चंडीगढ़ के गैंग मिलकर लोगों में डर फैला रहे हैं. पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क का हिस्सा बनते जा रहे हैं. बताया गया कि शुरुआत में ये सारे गैंगस्टर छोटी-मोटी लड़ाई-झगड़े, इलाके की दुश्मनी,छोटी आपराधिक घटनाओं में शामिल थे. धीरे-धीरे उन्होंने डर फैलाकर,जबरन वसूली करके, बड़े-बड़े अपराध कर अपना रुतबा बढ़ाया.
गैंग का विस्तार (2012–2015)
पहले ये गैंग अपने-अपने जिले तक सीमित थे. फिर धीरे-धीरे इन्होंने पूरे पंजाब में अपने पैर पसार लिए. विक्की गौंडर, जयपाल भुल्लर गैंग– मालवा, जग्गू भगवानपुरिया – माझा, सुक्खा काहलवान, सूरज लाहौरिया – दोआबा से गैंग को ऑपरेट करने लगे. 2015 के बाद पूरा पंजाब इनके कब्ज़े में आने लगा.
2015 की बड़ी घटना
फगवाड़ा में सुक्खा काहलवान की दिन-दहाड़े हत्या, फिर उसके शव के चारों तरफ नाचने जैसी घटनाओं ने पंजाब में भारी दहशत फैला दी. इसके बाद गैंगस्टरों की गतिविधियाँ और बढ़ गईं.
गैंगस्टर सिंडिकेट
लॉरेन्स बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, गोल्डी बराड़, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई, विक्रम बराड़ ये सभी मिलकर एक बड़ा सिंडिकेट चलाते थे. इनका नेटवर्क पंजाब,राजस्थान हरियाणा,दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में फैल चुका था.
बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठनों से भी संपर्क
NIA का दावा है कि यह पूरा नेटवर्क Babbar Khalsa International (BKI) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ है और इनका मकसद देश में अस्थिरता और डर फैलाना है. अनमोल पहले से था फरार, कोर्ट ने उसे Proclaimed Offender घोषित किया हुआ है. एजेंसी ने बताया कि अनमोल 2022 से फरार था, कोर्ट ने जनवरी 2025 में उसे भगोड़ा भी घोषित किया था.
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