नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किए गए राजदंड को 'सेंगोल' कहा जाता है...
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्मित संसद भवन स्थित लोकसभा चैम्बर में लोकसभा स्पीकर के आसन के निकट रविवार को ऐतिहासिक राजदंड 'सेंगोल' को स्थापित किया. रविवार को सुबह ही नया संसद भवन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए समारोह में राष्ट्र को समर्पित किया गया है.
ऐतिहासिक 'सेंगोल' के बारे में 5 तथ्य...
- लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किए गए राजदंड को 'सेंगोल' कहा जाता है - जो तमिल शब्द 'सेम्मई' से उपजा है, जिसका अर्थ है 'सत्य का साथ'.
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि 'सेंगोल' ने भारतीय इतिहास में अहम भूमिका निभाई है. यह राजदंड अंग्रेज़ों से भारतीयों को सत्ता के हस्तांतरण को चिह्नित करने के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था.
- वर्ष 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपे जाने के बाद से यह राजदंड 'सेंगोल' उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के एक म्यूज़ियम में रखा हुआ था.
- नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किए जाने से पहले सेंगोल को तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के लगभग 30 पुरोहितों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया.
- कहा जाता है, 'सेंगोल' जिसे दिया जाता है, उससे न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है.