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This Article is From Dec 28, 2023

असम में होगा उग्रवाद का अंत! उल्फा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच शुक्रवार को शांति समझौता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मौजूदगी में शुक्रवार को उल्फा के वार्ता समर्थक धड़े और केंद्र एवं असम सरकार के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. यह समझौता पूर्वोत्तर राज्य में दशकों पुराने उग्रवाद का अंत करने के लिए किया जा रहा है.

असम में होगा उग्रवाद का अंत! उल्फा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच शुक्रवार को शांति समझौता
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक धड़े और केंद्र एवं असम सरकार (Assam Government) के बीच शुक्रवार को एक त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. यह समझौता पूर्वोत्तर राज्य में दशकों पुराने उग्रवाद का अंत करने के लिए किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) और उल्फा के अरविंद राजखोवा नीत वार्ता समर्थक गुट के एक दर्जन से अधिक शीर्ष नेता उपस्थित रहेंगे.

अधिकारियों ने बताया कि कि इस समझौते में असम से जुड़े लंबे समय से लंबित राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर गौर किया जाएगा. इसके अलावा समझौते के तहत मूल निवासियों को सांस्कृतिक सुरक्षा और भूमि अधिकार भी प्रदान किया जाएगा. बता दें कि परेश बरुआ नीत उल्फा का कट्टरपंथी धड़ा इस समझौते का हिस्सा नहीं होगा और वह सरकार द्वारा प्रस्तावित पेशकश को लगातार अस्वीकार करता रहा है.

सूत्रों के अनुसार राजखोवा समूह के दो प्रमुख नेता - अनूप चेतिया और शशधर चौधरी - पिछले सप्ताह से राष्ट्रीय राजधानी में हैं और वे सरकारी वार्ताकारों के साथ शांति समझौते को अंतिम रूप दे रहे हैं. सरकार की ओर से उल्फा गुट से बातचीत करने वाले अधिकारियों में खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और पूर्वोत्तर मामलों पर सरकार के सलाहकार ए के मिश्रा शामिल हैं.

परेश बरुआ नीत गुट के कड़े विरोध के बावजूद, राजखोवा धड़े ने 2011 में केंद्र सरकार के साथ बिना शर्त बातचीत शुरू की थी. बरुआ के बारे में माना जाता है कि वह चीन-म्यांमार सीमा के पास किसी जगह पर रहता है. 'संप्रभु असम' की मांग के साथ 1979 में उल्फा का गठन किया गया था. उसके विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहने के बाद केंद्र सरकार ने 1990 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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