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ट्रंप-जेलेंस्की की वेटिकन वार्ता यूक्रेन में शांति ला सकती है? जानिए अगले 14 दिन अहम क्यों

रूसी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी हैं लेकिन मॉस्को ने अब तक युद्धविराम के लिए प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है. ऐसे में पुतिन के बारे में ट्रंप की टिप्पणियां उनकी निराशा को दर्शाती हैं.

ट्रंप-जेलेंस्की की वेटिकन वार्ता यूक्रेन में शांति ला सकती है? जानिए अगले 14 दिन अहम क्यों
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपित जेलेंस्की

वेटिकन में दुनिया भर के नेता जमा हुए थे. कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को अंतिम विदाई देने के लिए सब एक साथ आए थे. यहीं पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक हुई. इसे दोनों पक्षों ने ऐतिहासिक बताया है. सवाल है कि क्या इससे यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौते पर मुहर लगाने में मदद मिलेगी. इसका पुख्ता जवाब तो आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा.

पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के समय एक साथ लाए गए, अमेरिकी और यूक्रेनी राष्ट्रपति सेंट पीटर्स बेसिलिका की विशाल गुफा में लाल और सुनहरे रंग की कुर्सियों पर एक दूसरे के करीब बैठे थे. फरवरी में व्हाइट हाउस में पूरी दुनिया के सामने तू-तू मैं-मैं के बाद यह उनकी पहली बैठक थी.

रोम से लौटने के अगले दिन, ट्रंप ने बेडमिंस्टर, न्यू जर्सी में रिपोर्टर्स से कहा, "यह एक खूबसूरत बैठक थी. मैं आपको बताता हूं, मैंने अब तक का सबसे अच्छा ऑफिस देखा है, यह एक सुंदर, सुंदर दृश्य है."

ट्रंप ने कहा कि बैठक अच्छी रही और पिछले विवाद को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे बीच थोड़ा विवाद हुआ था क्योंकि मैं उनकी कही गई बातों से असहमत था और कैमरे चल रहे थे."

उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने कहा कि बैठक "आइकॉनिक" थी.

वाल्ट्ज ने फॉक्स न्यूज के संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स को बताया, "वह बैठक इतिहास की किताबों में दर्ज होने जा रही है.. राष्ट्रपति ट्रंप शांति के राष्ट्रपति बन रहे हैं, वेटिकन में सभी स्थानों पर शांति और कूटनीति की बात कर रहे हैं." जेलेंस्की ने बैठक पर इसी तरह का रिएक्शन देते हुए कहा, "यह एक बहुत ही प्रतीकात्मक बैठक थी जिसमें ऐतिहासिक बनने की क्षमता है, अगर हम मिलकर एक रिजल्ट प्राप्त करते हैं."

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर भी बैठक में शामिल हुए. यह खास था क्योंकि यूरोपीय शक्तियां ट्रंप को अक्सर संदेह की नजर से देखती हैं. 

ऐसा लगता है कि वेटिकन बैठक के दौरान जेलेंस्की ने जो कुछ भी कहा है, वह काम करता हुआ दिखाई दे रहा है. बैठक के कुछ ही घंटों बाद, ट्रंप पहली बार व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बोल रहे हैं- यह रूसी नेता के प्रति उनके हाल के मीठे बोल के उलट था. ट्रंप ने रविवार को दोहराया कि वह "निराश" हैं कि पुतिन की सेना अभी भी यूक्रेन में नागरिक ठिकानों पर हमला कर रही है. उन्होंने कहा: "मैं चाहता हूं कि वह शूटिंग बंद कर दें, बैठ जाएं और एक समझौते पर हस्ताक्षर करें."

“शांति समझौता अभी भी दूर”

ट्रंप अभी भी दोनों पक्षों को लेकर बैचेन दिख रहे हैं. उनकी कोशिश है कि किसी भी कीमत पर एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हो जाए, जिसके बारे में उन्होंने एक बार डींगें मारी थी कि वह राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने के 24 घंटों के भीतर मुहर लगा सकते हैं. ट्रंप के अनुसार उनका मानना ​​​​है कि जेलेंस्की क्रीमिया को छोड़ने के लिए तैयार हैं, जिसे रूस ने 2014 में जब्त कर लिया था. जबकि यूक्रेनी नेता ने बार-बार कहा है कि वह ऐसा किसी कीमत पर नहीं करेंगे. 

भले ही ट्रंप के साथ जेलेंस्की की बैठक ने कुछ मोहलत दी है, लेकिन व्हाइट हाउस ने अपना रुख दोहराया है कि अगर तेजी से प्रगति नहीं हुई तो वह इस शांति समझौते की वार्ता में जल्द ही एक दलाल (मीडिएटर) के रूप में अपनी भूमिका से दूर हो जाएगा. ट्रंप ने संकेत दिया कि वह इस प्रक्रिया को "दो सप्ताह" देंगे.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि युद्ध समाप्त करने के प्रयासों के लिए "यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सप्ताह होने वाला है". रुबियो ने एनबीसी के "मीट द प्रेस" न्यूज प्रोग्राम में कहा, "हम करीब हैं, लेकिन हम जितना होना चाहिए, उतना करीब नहीं हैं."

रूसी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी हैं लेकिन मॉस्को ने अब तक युद्धविराम के लिए प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है. ऐसे में पुतिन के बारे में ट्रंप की टिप्पणियां उनकी निराशा को दर्शाती हैं.

अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने हाल के सप्ताहों में रूस में पुतिन के साथ कई बार आमने-सामने बैठकें की हैं. विटकॉफ को पुतिन के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाते और क्रेमलिन के आर्थिक सलाहकार के साथ एक शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट में टहलते देखा गया है. विटकॉफ पर यूक्रेन से बात करते समय रूस की भाषा बोलने का आरोप लगे हैं.

ट्रंप के करीबी सर्कल में मौजूद एक अन्य इंसान ने रोम यात्रा के बाद शांति के लिए व्यक्तिगत आह्वान किया है- खुद फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप, जिन्होंने अंतिम संस्कार के दिन अपना 55 वां जन्मदिन मनाया. उन्होंने कहा, "मुझे इस दिन पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने का सम्मान मिला, जहां मैंने पीड़ित लोगों के उपचार और दुनिया में शांति के लिए प्रार्थना की."

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