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Explainer : 'हमारे बारह' को सिनेमाघरों तक पहुंचने का इंतजार, जानिए फिल्‍म को लेकर क्‍या है विवाद

अन्‍नू कपूर अभिनीत फिल्‍म हमारे बारह विवादों में है. आरोप है कि फिल्‍म इस्लामिक आस्था और शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपमानजनक है.

Explainer : 'हमारे बारह' को सिनेमाघरों तक पहुंचने का इंतजार, जानिए फिल्‍म को लेकर क्‍या है विवाद
अन्‍नू कपूर अभिनीत फिल्‍म हमारे बारह विवादों में है.
नई दिल्‍ली :

देश में हर साल सैंकड़ों की संख्‍या में फिल्‍में बनती हैं, लेकिन कुछ फिल्‍मों का विषय कभी-कभी विवाद भी खड़ा कर देता है. ऐसी ही एक फिल्‍म है 'हमारे बारह' (Hamare Barah) . यह फिल्‍म पिछले कुछ वक्‍त से विवादों में हैं और मामला कोर्ट में लंबित है. माना जा रहा है कि आज बॉम्‍बे हाईकोर्ट में फिल्‍म की रिलीज को लेकर फैसला सुना सकता है. फिल्‍म को लेकर यह आरोप लगाया जा रहा है कि यह इस्लामिक आस्था और शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपमानजनक है. यही कारण है कि फिल्‍म को अभी तक फिल्‍म को सिनेमाघरों तक पहुंचने का इंतजार है. 

फिल्‍म की रिलीज डेट पहले 7 जून थी. इसके बाद रिलीज डेट 14 जून के लिए टली. हालांकि उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से इसकी रिलीज को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला नहीं आने तक रोक लगाने का आदेश दिया. इस मामले में बॉम्‍बे हाईकोर्ट में 18 जून की सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने फिल्‍म में बदलाव के आदेश दिए हैं और आज एक बार फिर फिल्‍म को देखा जाएगा और उसके बाद फैसला सुनाया जा सकता है. 

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जानिए क्‍या है फिल्‍म को लेकर विवाद 

हमारे बारह फिल्‍म का ट्रेलर 30 मई को रिलीज किया गया था. हालांकि इसे महज 24 घंटों में ही हटा दिया गया. जानकारी के मुताबिक, जनसंख्‍या नियंत्रण के मुद्दे पर आधारित फिल्‍म के कुछ दृश्‍यों और डायलॉग को लेकर आपत्ति जताई गई है. आरोप है कि यह फिल्‍म मुस्लिम समुदाय का अपमान करती है और इसमें कुरान की बातों को गलत तरीके से पेश किया गया है. 5 अगस्‍त को फिल्‍म का पोस्‍टर जारी किया गया था, जिसे लेकर भी सवाल उठाए गए थे.  

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने आरोप लगाया था कि फिल्म 'हम दो हमारे बारह' एक समुदाय विशेष को निशाना बनाती है. अब इस फिल्म का नाम बदलकर 'हमारे बारह' कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया, "फिल्म में एक खास समुदाय को निशाना बनाया गया है. यह फिल्म मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि विवाद पैदा करके पैसे कमाने के लिए बनाई गई है." एआईएमआईएम नेता ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी फिल्म में किसी समुदाय का मजाक न उड़ाया जाए और ऐसी फिल्म समाज के लिए अच्छी नहीं हैं. 

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कर्नाटक सरकार ने लगाया प्रतिबंध 

कर्नाटक सरकार ने कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा चिंता जताए जाने के बाद अपने एक आदेश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया, फिल्म थिएटरों, निजी टेलीविजन चैनलों या अन्य मीडिया में फिल्म और उसके ट्रेलर की रिलीज पर रोक लगा दी है. सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो दंगे भड़क सकते हैं. फिल्म के ट्रेलर को भड़काऊ बताते हुए राज्य के कई मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया था कि फिल्‍म 'हमारे बारह' में मुस्लिम धर्म को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है. उन्होंने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. 

आदेश में कहा गया है, "अगर फिल्म को रिलीज किया जाता है तो इससे धर्म और जातियों के बीच दरार पैदा होगी. जानबूझकर एक धर्म को निशाना बनाना, सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना, देश में एकता में खलल डालना और मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना साजिश का एक हिस्सा है. फिल्मों का धर्मों के बीच नफरत फैलाने के बजाय समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए."

कलाकारों को जान से मारने की धमकी 

फिल्म का ट्रेलर और टीजर रिलीज होने के बाद फिल्म के कलाकारों को जान से मारने की धमकियां भी दी गईं.  इसके बाद अभिनेता अन्नू कपूर ने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर सुरक्षा की मांग की थी. 

वहीं निर्देशक कमल चंद्रा ने कहा, "मेरे पास काफी अज्ञात नंबरों से कॉल और मैसेज आ रहे हैं. मैंने कॉल उठाना बंद कर दिया है. यह एक गंभीर फिल्म है, हमने किसी कम्युनिटी को टारगेट नहीं किया है. यह सिर्फ एक परिवार की कहानी है. मेरी आप सबसे अपील है कि इसको किसी कम्युनिटी से न जोड़ें. हमने किसी को भी ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया है. पहले फिल्म देखें और उसके बाद ही फैसला लें. कृपया किताब के पन्ने से पूरी किताब का आकलन न करें."

बॉम्‍बे हाईकोर्ट आज सुना सकता है फैसला 

बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उसने ‘हमारे बारह' फिल्म देखी और इसमें कुरान या मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया. साथ ही अदालत ने कहा कि फिल्म वास्तव में महिलाओं के उत्थान के उद्देश्य से बनाई गई है. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि भारतीय जनता भोली या मूर्ख नहीं है.

न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की पीठ ने कहा कि फिल्म का पहला ट्रेलर आपत्तिजनक था, लेकिन उसे हटा दिया गया है और फिल्म से ऐसे सभी आपत्तिजनक दृश्य हटा दिए गए हैं. अदालत ने कहा कि यह वास्तव में एक ‘सोचने वाली फिल्म' है और ऐसी नहीं है जहां दर्शकों से ‘अपना दिमाग घर पर रखने' और केवल इसका आनंद लेने की उम्मीद की जाती है. कोर्ट ने फिल्‍म के ट्रेलर पर ऐतराज जताते हुए निर्माता पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. 

ये है फिल्‍म के निर्देशक और स्‍टारकास्‍ट 

कमल चंद्रा ने फिल्‍म को निर्देशित किया है और इसे लिखा है राजन अग्रवाल ने. फिल्‍म की स्‍टार कास्‍ट में बड़ा नाम अन्‍नू कपूर का है. साथ ही इसमें मनोज जोशी और अश्विनी कलसेकर जैसे मंझे हुए कलाकारों का अभिनय से भी सजी है. राधिका जी फिल्म एंड न्यूटेक मीडिया एंटरटेनमेंट के बैनर तले इसे बनाया गया है. फिल्म के निर्माता रवि एस गुप्ता, बिरेन्दर भगत, संजय नागपाल और शियो बालक सिंह हैं, वहीं त्रिलोकी प्रसाद सह-निर्माता हैं. 

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