क्या जेल के अंदर ही मनेगी आजम खान की ईद? सुप्रीम कोर्ट 2 मई को करेगा जमानत याचिका पर सुनवाई

आजम खान के खिलाफ कुल 72 मामले दर्ज हुए थे. इनमें से 71 मुकदमों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है. केवल शत्रु संपत्ति मामले में उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है.

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) के शत्रु संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में दो मई को सुनवाई की जाएगी. आजम खान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट ने जमानत याचिका में आदेश सुरक्षित करने के बाद अर्से से फैसला लंबित रखा हुआ है. दरअसल इलाहाबाद हाइकोर्ट ने शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है. लेकिन लंबे समय से अपना फैसला नहीं सुनाया है. वहीं अब इलाहाबाद हाइकोर्ट की ओर से जमानत याचिका पर चार मई को फैसला सुनाया जाएगा. ऐसे में कयास लगाई जा रही है कि आजम खान की ईद जेल में मनेगी. हालांकि इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट अब दो मई को सुनवाई करेगा. 

ये भी पढ़ें- 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' नारे के सहारे हरियाणा के मंत्री अनिल विज का कांग्रेस पर तंज

आजम खान के खिलाफ कुल 72 मामले दर्ज हुए थे. इनमें से 71 मुकदमों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है. केवल शत्रु संपत्ति मामले में उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है. जिसके कारण उन्हें जेल के अंदर रहना पड़ रहा है. इस मामले में चार दिसंबर 2021 को सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.

क्या है शत्रु संपत्ति मामला

यूपी के रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय के पास 65 एकड़ जमीन इमामुद्दीन नाम के एक शख्स की थी, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे. उनकी ये जमीन शत्रु संपत्ति के तौर पर कस्टोडिय़न में दर्ज हो गई थी. आजम खान के ऊपर आरोप है कि उन्होंने ये जमीन रिकॉर्ड में हेराफेरी करके विश्वविद्यालय में शामिल कर ली थी. वहीं जब राजनाथ सिंह गृहमंत्री थे तो यह जमीन बीएसएफ को दो दी गई थी. रामपुर में बीएसएफ का बेस है. जब बीएसएफ के अधिकारी जमीन का पजेशन लेने के लिए वहां जाते तो जिला प्रशासन उनको टरका देता और बीएसएफ को पजेशन नहीं मिल पा रहा था.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com