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जब दो बड़े बोलें, तो बीच में नहीं बोलते... कभी हंसी तो कभी हंगामे के बीच, शाह ने तंज भरे तीरों से ऐसे किए वार

लोकसभा में कभी दहाड़ते हुए तो कभी मुस्कुराते हुए, कभी तालियों की गड़गड़ाहट के बीच तो कभी हंगामे और शोरगुल के बीच अमित शाह ने विपक्ष पर चुन-चुनकर वार किए

जब दो बड़े बोलें, तो बीच में नहीं बोलते... कभी हंसी तो कभी हंगामे के बीच, शाह ने तंज भरे तीरों से ऐसे किए वार
  • गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखे शब्दों में निशाना साधा
  • शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता कहते हैं कि पहले मेरी बात का जवाब दीजिए. आपकी मुंसफी से संसद नहीं चलेगी
  • अमित शाह ने कहा कि इनका भाषण जो तैयार करते हैं, वो भी ठीक से तैयार नहीं करते. रिसर्च नहीं करते
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लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जमकर बरसे. कभी दहाड़ते हुए तो कभी मुस्कुराते हुए, कभी तालियों की गड़गड़ाहट के बीच तो कभी हंगामे और शोरगुल के बीच अमित शाह ने विपक्ष पर चुन-चुनकर वार किए. इस दौरान कई ऐसे मौके भी आए, जब अमित शाह ने चुटीले वाक्यों के तंज भरे तीर छोड़े. 

1. जब दो बड़े बोलते हैं, तो बीच में नहीं बोलते

विपक्ष के बार-बार के हंगामे के बीच अमित शाह अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन विपक्षी बेंचों से लगातार हंगामा हो रहा था. इस पर शाह ने कहां कि मैं आधी रात तक बैठने को तैयार हूं, मेरा भाषण समाप्त हो जाए... इसी बीच विपक्ष बेंचों की तरफ से टीका-टिप्पणी होने लगी तो शाह के तेवर बदल गए. उन्होंने कहा- अरे सुनिए न भाई, सुनो न, दो बड़े बोलते हैं, तो बीच में नहीं बोलते. इस पर सदन में हंसी गूंजने लगी. फिर भी विपक्षी नेता नहीं रुके तो शाह गंभीर अंदाज में उनकी तरफ देखने लगे. 

2. वे समझते हैं, कि मैं बोलता हूं तो ब्रह्म वाक्य हो गया

3. इनका जो भाषण जो तैयार करते हैं, वो भी ठीक से तैयार नहीं करते. रिसर्च नहीं करते.

4. आपकी मुंसफी से संसद नहीं चलेगी

शाह ने कहा कि मैं 30 साल से विधानसभा और संसद में चुनकर आ रहा हूं. मुझे संसदीय प्रणाली का लंबा अनुभव है. विपक्ष के नेता कहते हैं कि पहले मेरी बात का जवाब दीजिए. शाह ने तीखे अंदाज में आगे कहा कि आपकी मुंसफी से संसद नहीं चलेगी, मेरे यहां बोलने का क्रम मैं तय करूंगा. इस तरह से नहीं चलेगी संसद. 

5- उनको धैर्य रखना चाहिए मेरी बात सुनने का. मेरे भाषण का क्रम वो तय नहीं कर सकते. मैं तय करूंगा.

6- आपके चेहरे पर चिंता की लकीरें मैं देख रहा हूं कि मैं क्या बोलूंगा. मैं उनके उकसावे में नहीं आऊंगा.

7  चुनाव की चोरी बंद हो गई, इसलिए पेट दर्द हो रहा है

राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमलावर अमित शाह ने कहा कि ये सिर्फ प्रेस में आरोप लगाते हैं. न अदालत जाते हैं, न चुनाव आयोग में जाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि जब इनके जमाने में चुनाव होते थे बिहार और यूपी में चुनाव होते थे तो पूरे बक्से हाईजैक हो जाते थे, ईवीएम आने से ये बंद हो गया, चुनाव की चोरी बंद हो गई है इसलिए पेट में दर्द हो रहा है, ईवीएम का दोष नहीं है.


 

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