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This Article is From Jun 27, 2016

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला: चुनाव आयोग 14 जुलाई को करेगा सुनवाई

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला: चुनाव आयोग 14 जुलाई को करेगा सुनवाई
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर हुई नियुक्ति के मामले में चुनाव आयोग ने आप विधायकों को 14 जुलाई को सुनवाई के लिए बुलाया है। ये सुनवाई एक तरह की पर्सनल हियरिंग होगी जिसकी मांग आप विधायकों ने अपने 10 मई को दिये हलफनामे में की थी।

इस पर्सनल हियरिंग में सभी विधायकों को बारी-बारी से उनकी बात रखने का मौका दिया जायेगा। जिसमें विधायक बताएंगे कि उनके संसदीय सचिव के पद को लाभ का पद क्यों न माना जाए और क्यों उनकी विधायकी रद्द न की जाए।

इस सुनवाई के बाद चुनाव आयोग अपना सुझाव राष्ट्रपति के पास भेजेगा और फिर राष्ट्रपति इस पर अपना फैसला सुनाएंगे और बताएंगे कि 21 आप विधायकों की सदस्यता रहेगी या जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री के संसदीय सचिव राजेश ऋषि में बताया कि 'हमने कुछ भी लिया नहीं है जनता सब जानती और हमारे साथ है जो भी सवाल चुनाव आयोग पूछेगा हम उसका जवाब देंगे'


क्या है मामला
सीएम अरविंद केजरीवाल ने साल 2015 में अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद दिए, लेकिन वह 'ऑफ़िस ऑफ प्रॉफ़िट' की श्रेणी में आ गया। ऐसे में अपने विधायकों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार एक बिल लेकर आई, जिसके तहत वह 'पूर्वप्रभावी' तरीक़े से डिस्क्वालिफ़िकेशन प्रॉविजन से छूट चाहती थी। यह बिल मंजूरी के लिए एलजी नजीब जंग को भेजा गया था, जिसे उन्होंने केंद्र सरकार को भेजा और फिर उसने इसे आगे राष्ट्रपति के पास भेजा था। अब राष्ट्रपति ने भी उसे मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति के इस फैसले से आप के 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है, लेकिन इससे केजरीवाल सरकार को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में उनके पास 67 विधायक हैं।

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