विज्ञापन

बिहार SIR केस में चुनाव आयोग ने दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

Bihar SIR Case: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका को खारिज करने की मांग की है. उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देश भर में संसदीय, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों से पहले समयबद्ध तरीके से SIR कराने के निर्देश देने की मांग की है.

बिहार SIR केस में चुनाव आयोग ने दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा
बिहार में एसआईआर ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया
  • चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर देशभर में चरणबद्ध तरीके से SIR कराने का अधिकार बताया है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIR कराने के लिए चुनाव आयोग के क्षेत्राधिकार में अतिक्रमण नहीं होना चाहिए.
  • चुनाव आयोग मतदाता सूची की पवित्रता और अखंडता को लेकर अपने वैधानिक अधिकार के प्रति सचेत.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. देश भर में  संसदीय,  विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों से पहले समयबद्ध तरीके से  SIR कराने के निर्देश वाली याचिका खारिज करने की मांग का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, 'देशभर में चरणबद्ध तरीके से SIR कराने का फैसला चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है. अदालतें इस तरीके से SIR का निर्देश नहीं दे सकतीं.'

बिहार SIR मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगर अदालत ऐसा निर्देश देती है, तो ये चुनाव आयोग के क्षेत्राधिकार में अतिक्रमण के समान होगा. चुनाव आयोग मतदाता सूची की पवित्रता और अखंडता को लेकर अपने वैधानिक अधिकार के प्रति सचेत है. इसी के तहत 24 जून 2025 को आयोग ने विभिन्न राज्यों में SIR कराने का फैसला लिया है. इसके तहत पांच जुलाई 2025 को बिहार को छोड़कर राज्यों और यूटी के चीफ इलेक्ट्रोरेल ऑफिसरों को SIR के लिए प्री- रिवीजन गतिविधि शुरु करने के लिए पत्र लिखा है.'

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका को खारिज करने की मांग की है. उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देश भर में  संसदीय, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों से पहले समयबद्ध तरीके से SIR कराने के निर्देश देने की मांग की है. 

बिहार में वर्तमान में ऐसे 11 निर्धारित दस्तावेज हैं जिन्हें मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपने प्रपत्रों के साथ जमा करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को जारी किया गया आदेश ‘आधार' को पहचान के वैध प्रमाण के रूप में पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र सहित अन्य निर्धारित दस्तावेजों के समान बनाता है. आयोग की 24 जून की अधिसूचना के अनुसार, अंतिम रूप से दी गई मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी.

क्‍या है SIR विवाद?

बिहार में एसआईआर (जो 2003 के बाद पहली बार की जा रही) ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करना है. वहीं निर्वाचन आयोग का कहना है कि एसआईआर का उद्देश्य मृत, डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र रखने वाले या अवैध अप्रवासियों के नाम हटाकर मतदाता सूची को साफ-सुथरा करना है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com