शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे (Shiv Sena Rebel MLA Eknath Shinde) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 38 विधायकों के परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लिया गया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर उनके परिवारों को कुछ होता है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, संजय राऊत और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे.
शिंदे ने 38 बागी विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी में सुरक्षा हटाए जाने के बाद पंजाब में विधायकों और नेताओं की सुरक्षा हटाए जाने के बाद क्या हुआ था, इसका भी जिक्र किया है. पत्र में ये भी आरोप लगाया गया है कि एमवीए सरकार के विभिन्न नेता अपने-अपने दलों के कार्यकर्ताओं को हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं.
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मराठी में लिखे गए पांच पन्ने की चिट्ठी में विधायकों ने साफ तौर पर लिखा है कि हम वर्तमान विधायक हैं, तथापि, हमारे आवास पर और साथ ही हमारे परिवार के सदस्यों को प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदान की गई सुरक्षा को प्रतिशोध के रूप में अवैध रूप से वापस ले लिया गया है. पत्र में लिखा है, "यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है, यह भयावह कदम हमारे संकल्प को तोड़ने का एक और प्रयास है और एनसीपी और कांग्रेस के गुंडों वाली एमवीए सरकार की मांगों को पूरा करने के लिए हमारे हाथ जबरन मोड़ोरने की कोशिश है."
राजकीय आकसापोटी शिवसेनेच्या आमदारांचे संरक्षण मुख्यमंत्री आणि गृहमंत्री यांच्या आदेशाने काढून घेण्यात आले आहे. त्यांच्या व त्यांच्या कुटुंबीयांच्या संरक्षणाची जबाबदारी सरकारची आहे.#MVAisAntiShivsena pic.twitter.com/lX2qjVTxGM
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 25, 2022
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एकनाथ शिंदे के आरोपों पर ट्वीट कर 38 विधायकों की सुरक्षा हटाए जाने को गलत बताया है. गृहमंत्री ने लिखा है, "ना तो मुख्यमंत्री और न ही गृह विभाग ने राज्य में किसी विधायक की सुरक्षा हटाने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में ट्विटर पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं."
उधर, बागी नेता एकनाथ शिंदे के विधानसभा क्षेत्र थाणे में पुलिस ने 8 जुलाई तक निषेधाज्ञा लगा दी है. इस दौरान हथियार, लाठी, तलवार, भाला, बंदूकें, लाठी, या शरीर को घायल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी अस्त्र-शस्त्र को लाने या ले जाने, उसका भंडारण करने पर रोक रहेगी. इतना ही नहीं, पत्थरों का भंडारण करना और तैयार करना या किसी तरह का फेंकना भी प्रतिबंधित रहेगा. पुलिस ने भड़काऊ पोस्टर पर भी रोक लगा दी है.
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सार्वजनिक घोषणाएँ करना, गीत गाना, संगीत वाद्ययंत्र बजाना आदि भी प्रतिबंधित किया गया है. आदेश में कहा गया है कि पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने, सार्वजनिक सभाएं करने, जुलूस निकालने, घोषणाएं करने, जवाबी घोषणाएं करने आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह निषेधाज्ञा 24 जून 2022 अपराह्न 00.01 बजे से 8 जुलाई, 2022 24.00 बजे तक प्रभावी रहेगी. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 135 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.
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