प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिवालिया हो चुकी वित्तीय सेवा कंपनी आईएल एंड एफएस में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े एक धनशोधन मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल से सोमवार को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. ईडी की इस पूछताछ पर विपक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है जिसने ‘बदला लेने की भावना से की गई कार्रवाई' और ‘तानाशाही' का आरोप लगाया है.
पाटिल पूर्वाह्न करीब 11:50 बजे दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे. उनके साथ बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक थे. वह रात करीब 9:25 बजे ईडी कार्यालय से बाहर आए. पाटिल जैसे ही बाहर आए, राकांपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उन्हें घेर लिया. पार्टी कार्यकर्ताओं और संवाददाताओं की भीड़ को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि उन्होंने ईडी के साथ सहयोग किया.
महिलाओं समेत पार्टी कार्यकर्ताओं की लगातार नारेबाजी के बीच उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ईडी अधिकारियों के सभी सवालों के जवाब दिए. अपना बयान दर्ज कराने के समय मैंने उनके साथ सहयोग किया. मैंने अपने जीवन में कभी कोई गलत काम नहीं किया है.''पाटिल से पूछताछ पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई सत्तारूढ़ व्यवस्था की ‘‘उम्मीदों'' को पूरा करने से इनकार करने का नतीजा हो सकती है.
पवार ने कहा कि उन्हें तकलीफ होगी लेकिन उन्होंने जो रास्ता चुना है उससे वे कभी नहीं डिगेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मौजूदा सरकार को राकांपा के 9-10 नेताओं से कुछ उम्मीदें हैं. हम उन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार नहीं हैं और अपने रुख की कीमत चुकाने को तैयार हैं. हमने जो रास्ता चुना है, उसे हम कभी नहीं छोड़ेंगे.''
पवार ने कहा कि उनके पास जांच का सामना करने वाले कुछ प्रमुख 10 नेताओं की सूची है. उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कुछ को इन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा.''राकांपा कार्यकर्ताओं ने जहां ‘‘प्रतिशोध'' का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि देश लोकतंत्र से तानाशाही शासन की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘सच्चाई, जो कभी कभी सरकार के खिलाफ होती है, का पक्ष लेने वालों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से दबाव डाला जा रहा है और यह चलन पूरे देश में देखा जा सकता है.''
राकांपा नेता और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में ईडी या सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के सभी मामलों में से 90 से 95 प्रतिशत मामले देश में विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं. यह मीडिया द्वारा भी व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है. जो विपक्ष में हैं उन्हें जांच एजेंसियों से आसानी से नोटिस मिल जाता है.''
इससे पूर्व ईडी कार्यालय जाने से पहले राज्य के पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री पाटिल ने पत्रकारों से कहा, चूंकि वह विपक्ष का हिस्सा हैं, इसलिए इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले कभी आईएल एंड एफएस का नाम नहीं सुना, लेकिन ईडी के अधिकारियों ने मुझे उनके सामने पेश होने के लिए बुलाया है. मैं कानूनी दायरे में उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश करूंगा.''
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतीकरण करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ईडी और सीबीआई स्वायत्त संस्थाएं हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद जयंत पाटिल को जाने की अनुमति दे दी गयी.''पाटिल ने इस महीने की शुरुआत में संवाददाताओं से कहा था कि उनका आईएल एंड एफएस से कोई संपर्क या वित्तीय लेनदेन कभी नहीं रहा.
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