विज्ञापन

संभल रिपोर्ट से सच सामने आया... बीजेपी के बयान पर तो सपा बोली- PDA के सामने ये नहीं चलेगा

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि संभल में हिंदुओं की आबादी कम हुई है. जहां भी सुरक्षा के एहसास का अभाव होता है, वहां पलायन होता है, डेमोग्राफी चेंज हो जाती है. 

संभल रिपोर्ट से सच सामने आया... बीजेपी के बयान पर तो सपा बोली- PDA के सामने ये नहीं चलेगा
संभल दंगों पर आई रिपोर्ट पर बीजेपी का रिएक्शन.
  • संभल हिंसा पर जांच कमेटी की रिपोर्ट सामने आ गई है. ये रिपोर्ट सीएम को सौंपी गई है.
  • संभल दंगों के पीछे पूर्वनियोजित साजिश और राजनीतिक तुष्टिकरण की भूमिका बताई जा रही है.
  • संभल में दंगों के दौरान बाहरी बलवाियों को बुलाकर हिंसा भड़काने की योजना बनाई गई थी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
लखनऊ:

संभल दंगों पर आई रिपोर्ट पर बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि
संभल रिपोर्ट से सच सामने आ गया है. देशभर में जनसंख्या असंतुलन के प्रयास हो रहे हैं. संभल में हिंदुओं की आबादी कम हुई है. जहां भी सुरक्षा के एहसास का अभाव होता है, वहां पलायन होता है, डेमोग्राफी चेंज हो जाती है. वहीं संभल रिपोर्ट पर अनुराग भदौरिया ने कहा कि न्यायिक जांच आयोग ने रिपोर्ट सीएम को सौंप दी है. उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

हरिहर मंदिर पर निकले साक्ष्य

बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि सम्भल में सिर्फ 15 प्रतिशत हिन्दू बचे हैं. आजादी के वक्त सम्भल नगर पालिका में  45 प्रतिशत हिन्दू थे. दंगों और तुष्टिकरण की राजनीति ने डेमोग्राफी बदल दी है. संभल रिपोर्ट लीक पर उन्होंने कहा कि इससे देश-प्रदेश की राजनीति में भूकंप उठेगा.

सपा प्रवक्ता ने क्या कहा?

संभल रिपोर्ट पर सपा प्रवक्ता फ़ख़रूल हसन ने कहा कि बीजेपी सरकार में आई संभल हिंसा की गोपनीय रिपोर्ट सीएम को सौंपी गई है. उस रिपोर्ट में क्या लिखा है ये उस कमेटी के  हेड ने मीडिया को बताया है. लेकिन वह रिपोर्ट गोपनीय है. जनता ये अच्छी तरह जानती है कि बीजेपी इस तरह की गोपनीय रिपोर्ट ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए लेकर आती है. वह किसी भी हद तक जा सकती है. ये पीडीए के सामने चलने वाला नहीं है.
 

संभल रिपोर्ट में आखिर है क्या? 

  • संभल पठान तुर्क में आपसी संघर्ष में हमेशा से जलता रहा.
  • 1947 से हर दंगे में सिर्फ हिन्दू मारे जा रहे हैं.
  • इस बार भी हिन्दुओं को मारे जाने की प्लानिंग थी.
  • दंगा करने के लिए बलवाइयों को बाहर से बुलाया गया था.
  • हिंदू मोहल्ले में पुलिस की मौजूदगी के कारण हिन्दू बच गए.
  • तुर्क पठानों ने पुरानी रंजिश में दंगों के दौरान एक दूसरे को मारा
  • हरिहर मंदिर पर निकल रहा बाबर का जिन्न
  • सम्भल में सिर्फ 15 प्रतिशत हिन्दू बचे
  • आजादी के वक्त सम्भल नगर पालिका में थे 45 प्रतिशत हिन्दू
  • दंगों और तुष्टिकरण की राजनीति ने बदल दी डेमोग्राफी
  • सम्भल पर रिपोर्ट लीक, देश प्रदेश की राजनीति में उठेगा भूकंप
  • आजादी के वक्त संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55% मुस्लिम और 45% हिंदू रहते थे 
  • संभल में वर्तमान में लगभग 85% मुस्लिम और 15% हिंदू रहते हैं. यहां पर 1947,1948,1953,1958,1962,1976,1978,1980,1990,1992,1995,2001,2019 में दंगे हुए.
  •  आजादी के बाद से कुल 15 दंगे सम्भल में हुए. यह जगह कई सारे आतंकवादी संगठनों का अड्डा बन चुकी है.
  • अलकायदा, हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी संगठन सम्भल में पैर पसार चुके हैं. अमेरिका ने मौलाना आसिम उर्फ सना उल हक को आतंकवादी घोषित किया था.
  • सम्भल में अवैध हथियार और नारकोटिक्स गैंग पहले से सक्रिय हैं.

सांसद वर्क के बयान पर हुआ था बवाल

सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 22 नवंबर 2024 को संसद बर्क के जहरीले बयान "हम इस देश के मालिक हैं" के बाद हिंसा भड़की थी. कन्वर्टेड हिन्दू पठानों ने सांसद बर्क के इस बयान का विरोध किया था. जिसके बाद 24 नवम्बर 2024 को तुर्क और पठान आमने-सामने आ गए थे. सांसद बर्क ने तुर्कों को बताया था देश का मालिक, बाकियों को नौकर और गुलाम कहा था. सूत्रों के मुताबिक, नमाजियों को उकसाने के लिए संसद बर्क ने कहा था कि हम इस देश के मालिक हैं.संभल कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि 24 नवम्बर 2024 की हिंसा पूर्वनियोजित और षड्यंत्र का नतीजा था.सांसद ज़िया-उर-रहमान बर्क, विधायक के पुत्र सुहैल इक़बाल और इंतेज़ामिया कमेटी के पदाधिकारी मुख्य भूमिका में थे. जामा मस्जिद, सम्भल की इंतेज़ामिया कमेटी ने मिलकर साजिश रची.

संभल सांसद ने क्या कहा था?

22 नवम्बर को नमाजियों को संबोधित करते सांसद ज़िया-उर-रहमान बर्क ने जहरीला भाषण देते हुए कहा था, " हम पुलिस प्रशासन सरकार से दबने वाले थोड़ी हैं, अरे हम इस देश के मालिक है नौकर, गुलाम नहीं हैं. मैं खुले रूप से कह रहा हूं कि, मस्जिद थी, मस्जिद है, इंशा-अल्ला मस्जिद रहेगी कयामत तक. जिस तरह अयोध्या में हमारी मस्जिद ले ली गई, वैसा यहां नहीं होने देंगे"
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com