प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कलपतरु ग्रुप और उससे संबंधित संस्थाओं की 30.5 करोड़ रुपये की 9 अचल संपत्तियों को जब्त किया. ये संपत्तियां मथुरा, उत्तर प्रदेश में स्थित आवासीय और व्यावसायिक भूखंड हैं.
यह कार्रवाई देश के विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर की गई थी. ईडी की जांच में यह सामने आया कि कलपतरु बिल्डटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KBCL) और इसके निदेशकों/एजेंटों/प्रबंधकों ने आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों के नाम पर लोगों से 681 करोड़ रुपये जुटाए. इन निदेशकों और एजेंटों ने निवेशकों को पैसे वापस करने या भूखंड आवंटित करने में हेराफेरी की.
जुटाए गए पैसे का उपयोग संपत्तियां बनाने और इन्हें कलपतरु ग्रुप की कंपनियों और उनके निदेशकों/एजेंटों के नाम पर करने में किया गया. इससे पहले, ईडी ने 400 अचल संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत 83.96 करोड़ रुपये है, जब्त की थीं. इसके अलावा, 13 सितंबर 2024 को ईडी ने जय किशन सिंह राणा और उनके 29 अन्य सहयोगियों के खिलाफ गाजियाबाद की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 20 कलपतरु ग्रुप की कंपनियां शामिल थीं. अदालत ने 03 अक्टूबर 2024 को इस शिकायत पर संज्ञान लिया.
18 दिसंबर 2024 को, ईडी ने कलपतरु ग्रुप से जुड़ी 16 आवासीय और कार्यालय परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसमें निवेश से संबंधित कई दस्तावेज और बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी.
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