
- दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में हाल ही में 3.7 मैग्नीट्यूड तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
- दिल्ली डेंजर जोन-IV में आता है, जहां भूकंप का खतरा अधिक होता है और कई सक्रिय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं।
- इससे पहले 10 जुलाई को रेवाड़ी जिले के गुरवारा के पास 4.1 मैग्नीट्यूड तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था।
दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार इस भूकंप की तीव्रता 3.7 मैग्नीट्यूड थी और इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में था.
दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं. दिल्ली डेंजर जोन-IV में आता है, जिसका मतलब है कि यहां भूकंप का खतरा अधिक है. इस क्षेत्र में कई सक्रिय फॉल्ट लाइनें हैं.

इससे पहले दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य हिस्सों में गुरुवार, 10 जुलाई को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गुरवारा के पास भूकंप का केंद्र था. भूकंप की अनुमानित तीव्रता रिक्टर स्केल पर लगभग 4.1 थी.
भूकंप क्यों आता है?
इसको समझने के लिए पहले हमें धरती की बनावट को जानना होगा. धरती की बाहरी सतह (जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल आते हैं) 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी हुई है. ऐसा नहीं है कि ये प्लेट स्थिर हैं. बल्कि ये बहुत धीरे इधर-उधर घूमती हैं. जब ये प्लेट एक दूसरे के सापेक्ष (आमने-सामने) में मूव करते हुए एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तब भूकंप आता है.
- भूकंप की तीव्रता: 3.7,
- गहराई: 10 किमी,
- क्षेत्र: झज्जर, हरियाणा
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