नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में विदेशी चंदा मामले से जुड़े केस में सुनवाई के दौरान कांग्रेस और बीजेपी दोनों इस मामले में एक साथ आ गए. दोनों पार्टियों ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली.
दोनों ने केंद्र की कोर्ट में इस दलील के बाद याचिका वापस ली जिसमें कहा गया कि दोनों ने इस मामले में एफसीआरए का उल्लंघन नहीं किया है. दोनों पार्टियों की ओर से कोर्ट में कहा गया कि इस मामले में पहले ही कानून में 2010 में संशोधन कर दिया गया है. इसके मुताबिक दोनों पार्टियों ने कोई उल्लंघन नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पार्टियों की दलीलों को मान लिया है. यह मामला वेदांता कंपनी से चंदा लेने से जुड़ा हुआ था. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पास ऐसे मामलों की जांच कराने का अधिकार नहीं है.
विदेशी चंदा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ कांग्रेस और बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है. दोनों पार्टी ने इस मामले में कानून के तहत जांच कराने के हाई कोर्ट के आदेश पर तत्काल अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस और भाजपा को मिले विदेशी चंदे पर सरकार और चुनाव आयोग को कानून के मुताबिक छह महीने के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
यह मामला इंग्लैंड की कंपनी वेदांता की सहयोगी स्टरलाइट एंड सीसा कंपनी से चंदा लेने का था. इस कंपनी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को चंदा दिया है.
दोनों ने केंद्र की कोर्ट में इस दलील के बाद याचिका वापस ली जिसमें कहा गया कि दोनों ने इस मामले में एफसीआरए का उल्लंघन नहीं किया है. दोनों पार्टियों की ओर से कोर्ट में कहा गया कि इस मामले में पहले ही कानून में 2010 में संशोधन कर दिया गया है. इसके मुताबिक दोनों पार्टियों ने कोई उल्लंघन नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पार्टियों की दलीलों को मान लिया है. यह मामला वेदांता कंपनी से चंदा लेने से जुड़ा हुआ था. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पास ऐसे मामलों की जांच कराने का अधिकार नहीं है.
विदेशी चंदा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ कांग्रेस और बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है. दोनों पार्टी ने इस मामले में कानून के तहत जांच कराने के हाई कोर्ट के आदेश पर तत्काल अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस और भाजपा को मिले विदेशी चंदे पर सरकार और चुनाव आयोग को कानून के मुताबिक छह महीने के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
यह मामला इंग्लैंड की कंपनी वेदांता की सहयोगी स्टरलाइट एंड सीसा कंपनी से चंदा लेने का था. इस कंपनी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को चंदा दिया है.
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