बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर शनिवार को शपथ ली. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने उन्हें शपथ दिलाई. उनके शपथ लेने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो गई है.
बता दें कि रविवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने जस्टिस दत्त की नियुक्ति के प्रस्ताव पर मुहर लगाया. जस्टिस दीपांकर दत्ता के नाम की सिफारिश चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अगुआई वाले कोलेजियम ने 26 सितंबर को हुई बैठक में की थी.
सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के मुताबिक कार्यकाल के पहले और आखिरी दिन जज चीफ जस्टिस की पीठ में साथ बैठते . चीफ जस्टिस के कार्यकाल के आखिरी दिन वरिष्ठता क्रम में नंबर दो जज एक नंबर कोर्ट में चीफ जस्टिस की पीठ के अंग होते हैं.
जस्टिस ललित की अगुआई में कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ एक ही जज की नियुक्ति की सिफारिश की. फिर लगभग ढाई महीनों बाद सरकार ने इस पर अपनी सहमति की मुहर लगाकर, राष्ट्रपति के पास निर्णायक मंजूरी के लिए भेज दिया था. राष्ट्रपति ने रविवार को अपनी मंजूरी देते हुए नियुक्ति का वारंट जारी कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 34 जजों की कुल तय संख्या के मुकाबले 27 जज ही काम कर रहे हैं. अगले आठ महीनों में छह जज रिरायर होने वाले हैं. जस्टिस दीपांकर दत्ता का परिवार भी न्यायिक पेशे से है. उनके पिता भी कलकत्ता हाईकोर्ट में जज रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अमिताभ रॉय भी उनके निकट संबंधी हैं. जस्टिस दीपांकर दत्ता के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो गई.
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