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NTA, JEE और तीन भाषा फॉर्म्युला पर NDTV कॉन्क्लेव में क्या बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एनडीटीवी के एजुकेशन कॉन्क्लेव में शामिल हुए. इस दौरान उनसे नई शिक्षा नीति, त्रिभाषा फार्मूला और बीजेपी के नए अध्यक्ष की रेस में उनका नाम शामिल होने जैसे सवाल पूछे गए. आइए देखते हैं कि प्रधान ने क्या जवाब दिए.

नई दिल्ली:

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की नींव शिक्षा है. मोदी सरकार 3.O के एक साल पूरे होने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा बेहद जरूरी है. देश में शिक्षा व्यवस्था की हालत कैसी है, इसमें क्या सुधार हो सकता है, आगे की क्या रणनीति है, इन तमाम मुद्दों पर आयोजित एनडीटीवी एजुकेशन कॉन्क्लेव में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने NTA, JEE और तीन भाषा फॉर्म्युला पर भी अपनी बात रखी. इसके साथ ही उन्होंने न्यू एजुकेशन पॉलिसी से हुए फायदों को भी विस्तार से बताया. 

नीट एग्जाम के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री ने क्या कहा? 

नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस साल सफलतापूर्वक जेईई और नीट का एग्जाम हो रहा है. उन्होंने कहा कि पिछली बार कुछ चुनौतियां आई थीं, जिसके लिए समिति बनाकर उसका समाधान किया गया. गड़बड़ी जीरो हो इसके लिए हमलोग काम कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार जेईई में 12 लाख और नीट में 22 लाख छात्र बैठे हैं. 

  • नई शिक्षा नीति (NEP) से देश को कई फायदे हुए हैं.
  • नीट और जेईई की परीक्षाएं इस बार सफलतापूर्वक आयोजित की गईं.
  • नीट 2024 में 22 लाख और जेईई में 12 लाख छात्रों ने भाग लिया.
  • पिछली बार की गड़बड़ियों के समाधान के लिए कमेटी बनाई गई थी.
  • तीन भाषा फॉर्म्युला का विरोध मुख्यतः राजनीतिक कारणों से हो रहा है.

राजनीतिक कारणों से  तीन भाषा फॉर्म्युला को हो रहा है विरोध: शिक्षा मंत्री

एनईपी में तीन भाषा के प्रावधान को लेकर हुए विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राजनीतिक कारणों से तीन राज्य विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं पूरी स्पष्टता के साथ कह रहा हूं कि विरोध के कारण अलग-अलग हैं. तमिलनाडु, केरल और बंगाल की तरफ से हो रहे विरोध के अलग-अलग कारण हैं. पिछले बार जब संसद चल रही थी मैंने तमाम तथ्य रखे थे. NEP में कहीं भी नहीं कहा गया है कि हिंदी में ही पढ़ाई होगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि मैं अपने राज्य के बच्चों को 10 भाषा का ज्ञान दूंगा. सुधा मुर्ति ने राज्यसभा में कहा कि मैं 6 भाषा जानती हूं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि ज्यादा भाषाएं जानना गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक कुंठा के कारण त्रिभाषा फॉर्म्युले का विरोध कर रहे हैं. 

  • तमिलनाडु, केरल और बंगाल अपने-अपने कारणों से विरोध कर रहे हैं. ये कारण राजनीतिक हैं. 
  •  NEP में हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाया गया है: धर्मेंद्र प्रधान
  • ज्यादा भाषा सीखना गलत नहीं, यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सहायक है.
  • भारत में 1200 यूनिवर्सिटी और 50 हजार कॉलेज हैं: शिक्षा मंत्री


भारत शिक्षा में बेहतर कर रहा है: धर्मेंद्र प्रधान

भारत में विदेश यूनिवर्सिटी कब आएंगे के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में 1200 यूनिवर्सिटी,  50 हजार कॉलेज हैं, भारत के बच्चों को यहां पढ़ने में कोई असुविधा नहीं है.  लेकिन रिसर्च के लिए और बेहतर शिक्षा के लिए बच्चे बाहर जाते हैं. लेकिन उच्च शिक्षा में जहां 4 करोड़ छात्र हैं, उनमें से मुश्किल से 10 लाख छात्र ही विदेश जाते हैं. विदेशी यूनिवर्सिटी अब भारत में आ रहे हैं.  15 यूनिवर्सिटी आने वाले दिनों में भारत में अपना ब्रांच खोलेंगी. हम भारत के बच्चों को ग्लोबल एक्सपोजर देना चाहते हैं. अपने देश में भी कई अच्छी यूनिवर्सिटी आ चुकी हैं. महाराष्ट्र में लखनऊ में और कई जगहों पर विदेश यूनिवर्सिटी आने वाली हैं. 

क्या बीजेपी अध्यक्ष बनेंगे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान? 

 कॉनक्लेव में जब नए बीजेपी अध्यक्ष को लेकर धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया कि आपका नाम भी बीजेपी अध्यक्ष के लिए आगे चल रहा है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष का नाम तो पार्टी को तय करना है, जो कि पार्टी अपने समय पर तय कर लेगी. मैं तो मेरी पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं. पार्टी में जिसको जो दायित्व मिलेगा वो उस काम को कर लेगा. पार्टी का नेतृत्व सही समय पर इस पर फैसला कर लेगा.

NCERT के सिलेबस में शामिल होगा ऑपरेशन सिंदूर? 

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑपरेशन सिंदूर के NCERT के सिलेबस में शामिल करने के सवाल के जवाब में कहा कि हम इतिहास को मिटाने वाले लोग नहीं हैं. हम लंबी लकीर खींचने वाले लोग हैं.  उन्होंने कहा कि इस देश में अनेकों गुमनाम और अज्ञात लोग हैं, क्या ये देश कभी शहीद जोरावार और फतेह सिंह की वीरगाथा के बारे में जानता था. इनके बारे में कुछ ही लोग जानते थे. उन्होंने पूछा कि यहां मौजूद कितने लोग बाजीराव के बारे में जानते हैं. क्या आंध्र के बाहर के लोग येल्लारू सीताराम राजू के बारे में जानते हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार इतिहास के इन गुमनाम अदाकारों को देश की नई पीढ़ी के सामेन लाने का काम कर रही है. लेकिन कुछ लोग इस पर सवाल उठाते हैं कि ये क्यों लाया जा रहा है. अपने इतिहास को सही दिशा में दिखाना चाहते हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश का गौरव, पराक्रम बढ़ाने के लिए जो भी करना होगा हम करेंगे.

ये भी पढ़ें-: ऑपरेशन सिंदूर को सिलेबस में शामिल करने पर NCERT कर रही विचार- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

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