महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के सहयोगी कुंदन शिंदे ने गुरुवार को यहां एक विशेष अदालत में जमानत याचिका दायर कर दावा किया कि धनशोधन के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी और लगातार जेल में रखा जाना कानून की प्रक्रिया का 'घोर दुरुपयोग' है. अदालत ने मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शिंदे की जमानत याचिका पर एक नवंबर को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
देशमुख के गृह मंत्री रहने के दौरान उनके निजी सहायक (पीए) के रूप में काम कर चुके शिंदे को पिछले साल जून में ईडी ने धनशोधन मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था. मामले के अन्य आरोपियों में देशमुख (71) और बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे शामिल हैं.
वकील इंदरपाल सिंह के माध्यम से दायर जमानत याचिका में शिंदे ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी और लगातार जेल में रखा जाना कानून की प्रक्रिया का 'घोर दुरुपयोग' है. उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है. ईडी ने दावा किया है कि वाजे ने अपने बयान में कहा है कि देशमुख ने मुंबई में तत्कालीन गृह मंत्री के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान शिंदे से उनका परिचय कराया.
केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, ‘‘वाजे ने यह भी खुलासा किया था कि उन्होंने देशमुख के कहने पर दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच मुंबई में बार और रेस्तरां से 4.7 करोड़ रुपये कैसे एकत्र किए. यह राशि उनके तत्कालीन पीए शिंदे को सौंपी गई थी.'' शिंदे ने वाजे की विश्वसनीयता और उसके बयान पर सवाल उठाया है. वाजे इस समय एक अन्य मामले में जेल में बंद है.
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