प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली और एनसीआर में 2000 या उससे ज्यादा सीसी की डीजल एसयूवी और लग्जरी कारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक हटाने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के दौरान मर्सिडीज और टोएटा ने कोर्ट में कहा कि वो कार की कीमत का एक फीसदी ग्रीन सेस देने को तैयार हैं क्योंकि बैन से उन्हें खासा नुकसान हो रहा है क्योंकि बाकी कंपनियां 1995 और 1999 सीसी की डीजल कारें बना रही हैं।
वहीं, केंद्र सरकार ने किसी भी तरह का सेस लगाने का विरोध किया। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि
- कार निर्माता कंपनियों का बहुत पैसा लगा है।
- वहीं, काम बंद होने की वजह से लोगों को रोजगार भी नहीं मिल रहा है।
- केंद्र सरकार इस मामले में विचार कर रही है और जल्द ही रिसर्च और डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी।
- केंद्र ने एक ड्राफ्ट रिपोर्ट भी तैयार किया है जिसमें मालिक 10 से 15 साल पुरानी गाड़ियों को सरकार को देंगे और सरकार स्क्रैप कर मालिक को एक रकम देगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 6 हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
- केंद्र सरकार ने भी कोर्ट में कहा है कि रजिस्ट्रेशन पर रोक हटाई जाए
- सेस लगाने का काम सरकार का है, कोर्ट सेस ना लगाए
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