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दिल्ली की हवा में धूल का 'दोषी' कौन?15 सड़कें भारी धूल में डूबी, CAQM की रिपोर्ट में खुलासा 

DDA की 57 सड़कों में से 12 हाई-डस्ट ज़ोन पाए गए. 27 मध्यम और 16 कम धूल वाले थे, जबकि 2 सड़कें साफ मिलीं. आयोग ने साफ कहा कि DDA को रोड-क्लीनिंग और मैकेनिकल स्वीपिंग को और सख़्ती से लागू करना होगा, क्योंकि कई जगह धूल बार-बार जमा हो रही है.

दिल्ली की हवा में धूल का 'दोषी' कौन?15 सड़कें भारी धूल में डूबी, CAQM की रिपोर्ट में खुलासा 
  • दिल्ली-NCR में प्रदूषण कम करने के लिए आयोग ने सड़कों की धूल की स्थिति का तीसरे राउंड में व्यापक निरीक्षण किया.
  • DDA की 57 सड़कों में से 12 हाई-डस्ट क्षेत्र पाए गए, जिससे उनकी सफाई प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है
  • DMRC की 10 सड़कों में कोई हाई-डस्ट क्षेत्र नहीं मिला, जिससे उनकी सफाई व्यवस्था अपेक्षाकृत बेहतर साबित हुई.
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नई दिल्ली:

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए आयोग लगातार सड़कों की मॉनिटरिंग कर रहा है. धुआं और धूल दो प्रमुख कारण- दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा खराब करते हैं. इसी क्रम में Commission for Air Quality Management (CAQM) की 22 फ्लाइंग स्क्वॉड टीमों ने 8 दिसंबर को बड़ी जांच की. इस तीसरे राउंड के रोड-इंस्पेक्शन में DMRC, DSIIDC और DDA (रोहिणी ज़ोन) द्वारा मेंटेन की जा रही सड़कों पर धूल की स्थिति का बारीकी से मूल्यांकन किया गया. साथ ही पहले से जांची जा चुकी MCD और NDMC की सड़कों का भी दोबारा निरीक्षण किया गया ताकि यह पता चल सके कि पिछली कार्रवाई का कितना असर हुआ.

कुल 79 सड़कें जांची गईं. इनमें से 15 जगहों पर भारी धूल, 36 पर मध्यम, 22 पर कम और 6 जगहों पर बिल्कुल भी दिखाई देने वाली धूल नहीं मिली. टीमों ने हर जगह से जियो-टैग्ड और टाइम-स्टैम्प्ड तस्वीरें लेकर आयोग को रिपोर्ट सौंपी.

DDA की सबसे कमजोर स्थिति

DDA की 57 सड़कों में से 12 हाई-डस्ट ज़ोन पाए गए. 27 मध्यम और 16 कम धूल वाले थे, जबकि 2 सड़कें साफ मिलीं. आयोग ने साफ कहा कि DDA को रोड-क्लीनिंग और मैकेनिकल स्वीपिंग को और सख़्ती से लागू करना होगा, क्योंकि कई जगह धूल बार-बार जमा हो रही है.

DMRC की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर

10 सड़कों में से DMRC की किसी भी सड़क पर हाई-डस्ट नहीं मिली.

2 सड़कें बिल्कुल साफ थीं, 3 लो-डस्ट और 4 मॉडरेट डस्ट वाली पाई गईं.

DSIIDC में भी 3 हाई-डस्ट सड़कें

12 सड़कों की जांच में 3 हाई-डस्ट, 4 मॉडरेट, 3 लो और 2 बिना धूल वाली सड़कें मिलीं. आयोग ने कहा कि एजेंसी को सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है.

MCD–NDMC की दोबारा जांच

पिछली कार्रवाई के बाद MCD की 35 सड़कों में हाई-डस्ट कैटेगरी में लगभग 50% की कमी दिखी, लेकिन 18 सड़कें अब भी हाई-डस्ट में रहीं.

NDMC की एक सड़क का री-इंस्पेक्शन किया गया और वह अब भी हाई-डस्ट कैटेगरी में पाई गई.

आयोग की चिंता और निर्देश

CAQM ने कहा कि सड़क की धूल दिल्ली में PM स्तर को गंभीर रूप से बढ़ाती है. इसलिए सभी एजेंसियों को-

  • नियमित मैकेनिकल स्वीपिंग
  • जमा धूल का समय पर निपटान
  • रोड शोल्डर और सेंट्रल वर्ज की देखभाल
  • वॉटर स्प्रिंकलिंग व डस्ट-सप्रेशन सिस्टम
  • जैसे उपायों को और मज़बूती से लागू करने की ज़रूरत है.

आयोग ने दोहराया कि Operation Clean Air के तहत ऐसी टारगेटेड जांचें जारी रहेंगी ताकि दिल्ली की सड़कें अधिक साफ, धूल-मुक्त और नियामकीय मानकों के अनुरूप रहें.

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