- दिल्ली की हवा में सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंचकर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया
- राजधानी के कई इलाकों में AQI गंभीर श्रेणी तक पहुंच चुका है, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा है
- दिल्ली सरकार की कश्मीरी गेट सहित तीन ISBT पर धूल प्रदूषण कम करने के लिए एंटी-स्मॉग गन लगाने की योजना
दिल्ली की सर्द सुबह में ठंडक बढ़ने के साथ-साथ जहरीली हवा का बोझ भी लगातार बढ़ता जा रहा है. राजधानी की फिज़ा में घुला ज़हर इतना गाढ़ा हो चुका है कि हर सांस के साथ फेफड़ों में जहरीली हवा दाखिल हो रही है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली फिर से ‘गैस चैंबर' में तब्दील हो चुकी है. 30 दिसंबर की सुबह 6:05 बजे दिल्ली का औसत AQI 384 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में है. इसका मतलब है कि लंबे समय तक इस हवा में रहना गंभीर श्वसन रोगों का कारण बन सकता है, पिछले तीन दिनों का ट्रेंड भी डराने वाला रहा है.
27 दिसंबर: AQI 385
28 दिसंबर: AQI 390
29 दिसंबर: AQI 401
कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित?
दिल्ली के कई हिस्सों में हालात बेहद खराब हैं. वहीं कुछ इलाकों में तो AQI 450 से भी ऊपर पहुंच गया है, जो ‘गंभीर' (Severe) श्रेणी में आता है.

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कश्मीरी गेट ISBT पर एंटी-स्मॉग गन लगाने की योजना
दिल्ली सरकार धूल से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए कश्मीरी गेट बस टर्मिनल सहित शहर के सभी आईएसबीटी पर एंटी-स्मॉग गन लगाने की योजना बना रही है. सरकार कश्मीरी गेट बस टर्मिनल की छत पर आठ एंटी-स्मॉग गन लगाएगी. एक अधिकारी ने बताया, 'कश्मीरी गेट स्थित आईएसबीटी परिसर में धूल प्रदूषण को कम करने के लिए छत पर 'ऑटो स्विंग एंटी-स्मॉग गन' लगाने की योजना है. डीटीआईडीसी ने कश्मीरी गेट आईएसबीटी में एंटी-स्मॉग गन लगाने के लिए निविदा जारी की है.' दिल्ली में (कश्मीरी गेट, सराय काले खां और आनंद विहार) तीन अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) हैं.

दिल्ली में दिसंबर का AQI 7 वर्षों में सबसे खराब
दिल्ली में 2018 के बाद से इस वर्ष दिसंबर में औसत AQI 349 के साथ सबसे खराब AQI दर्ज किया गया, जबकि पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली का योगदान मात्र 3.5 प्रतिशत रहा. दिसंबर 2018 में राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया था. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में औसत एक्यूआई 294, 2023 में 348, 2022 में 319, 2021 में 336, 2020 में 332, 2019 में 337 और 2015 में 301 रहा. इस महीने दिल्ली में पांच दिन AQI 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई. पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में छह दिन ऐसी स्थिति रही थी.

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स्वास्थ्य पर असर
एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘बहुत खराब' श्रेणी की हवा में लंबे समय तक रहने से फेफड़ों की क्षमता घटती है, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां बढ़ती हैं. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
क्या करें बचाव?
- बाहर निकलते समय N95 मास्क का इस्तेमाल करें
- सुबह और शाम के समय बाहर व्यायाम करने से बचें
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
- पानी ज्यादा पिएं और पौष्टिक आहार लें
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