- फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टर अतुल माथुर ने वायु प्रदूषण से बचाव के लिए सलाह दी
- वायु प्रदूषण में नाइट्रोजन ऑक्साइड गैसें हैं जो धमनियों में सूजन और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ाते हैं
- CPCB के अनुसार दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर है
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अतुल माथुर ने रविवार को उत्तर भारत में जारी वायु प्रदूषण संकट पर लोगों से "हल्के मास्क पहनने" और "बाहर कम समय बिताने" का आग्रह किया. वायु प्रदूषण के हेल्थ पर पड़ने वाले प्रभाव पर जोर देते हुए, उन्होंने प्रदूषण के दो तरह से बांटा. इनमें से एक नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें हैं और दूसरा कण पदार्थ (पार्टिकुलेट मैटर) है.
प्रदूषण से क्या हो सकता है

इस मुद्दे पर एएनआई से बात करते हुए डॉ. माथुर ने समझाया, "हमारे देश में, खासकर उत्तर भारत में, प्रदूषण की यह समस्या कई दशकों से बनी हुई है. प्रदूषण में दो प्रकार के घटक होते हैं. एक है नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें, और दूसरा है कण पदार्थ. जब ये कण शरीर में प्रवेश करते हैं, तो ये शरीर की धमनियों में सूजन पैदा करते हैं. यह वह मौसम है, जब कई तरह के वायरस फैलते हैं." उन्होंने आगे चेतावनी दी कि व्यापक वायरल गतिविधि से ग्रस्त मौजूदा मौसम स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ा सकता है. उन्होंने सलाह दी, "बाहर कम निकलना बेहद जरूरी है. अगर बहुत जरूरी हो तो हल्के मास्क पहनने की कोशिश करें." आज सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 497 हो गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है.
नोएडा के लिए निर्देश

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह दिल्ली का एक्यूआई 459, नोएडा का 469 और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 442 मापा गया. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को और बिगड़ने से रोकने के लिए ‘चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना' (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत सख्त प्रतिबंध शनिवार से लागू किए. गौतमबुद्ध नगर के पुलिस उपायुक्त (यातायात) डॉ प्रवीण रंजन ने बताया कि कोहरे की संभावना के कारण जिले में विभिन्न राजमार्गों पर वाहनों की गति सीमा घटा दी गई है, और यह व्यवस्था सोमवार से लागू होगी.
सभी वाहनों पर लागू होगा

प्रवीण रंजन ने कहा, “15 दिसंबर रात 12 बजे से यमुना एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर से घटाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है, जबकि भारी वाहनों के लिए यह 60 किलोमीटर प्रति घंटा की गई है. यह आदेश 15 फरवरी तक लागू रहेगा.” उन्होंने बताया कि नोएडा एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों के लिए गति सीमा 75 किलोमीटर प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 50 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। इसी तरह, एलिवेटेड मार्ग पर हल्के वाहनों की गति सीमा 50 और भारी वाहनों की 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं