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This Article is From Feb 21, 2024

क्या आप उपराज्यपाल से मांगेंगे माफी, दिल्ली हाई कोर्ट ने निलंबित बीजेपी विधायकों से पूछा

विधानसभा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंदराजोग ने कहा कि यह मामला राजनीतिक नहीं है और इसमें उपराज्यपाल (एलजी) के पद की गरिमा शामिल है. "बड़ा धमाका होगा...":

क्या आप उपराज्यपाल से मांगेंगे माफी, दिल्ली हाई कोर्ट ने निलंबित बीजेपी विधायकों से पूछा
उपराज्यपाल 15 फरवरी को अभिभाषण में AAP सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित कर रहे थे तो उस दौरान BJP विधायकों ने कई बार बाधा डाली थी.
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के लिए दिल्ली विधानसभा से निलंबित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सात विधायकों से मंगलवार को सवाल किया कि क्या वे उनसे माफी मांगने को तैयार हैं. विधानसभा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने जब कहा कि सांसद राघव चड्ढा के मामले में उच्चतम न्यायालय में इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाया गया था तो न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने निलंबित विधायकों की ओर से पेश वकील से इस पहलू पर निर्देश लेने को कहा.

विधानसभा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंदराजोग ने कहा कि यह मामला राजनीतिक नहीं है और इसमें उपराज्यपाल (एलजी) के पद की गरिमा शामिल है. उन्होंने कहा, 'मैंने विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत की. उन्होंने भी राघव चड्ढा के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा अपनाए गए तरीके का सुझाव दिया. अगर सदस्य आएं और अध्यक्ष से मिलें तथा उपराज्यपाल से माफी मांगें, तो पूरी बात रखी जा सकती है.'

विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जयंत मेहता ने कहा कि उपराज्यपाल से माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील से दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में निर्देशों के साथ वापस आने को कहा. बाद में, अदालत को सूचित किया गया कि मामले में कुछ "प्रगति" हुई है. इसके बाद याचिकाओं को अगली सुनवाई के लिए 21 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया. भाजपा के सात विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल बाजपेयी, जितेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के लिए विधानसभा से अपने अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देते हुए सोमवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

निलंबित विधायकों ने कहा कि विशेषाधिकार समिति के समक्ष कार्यवाही पूरी होने तक उनका निलंबन मौजूदा नियमों का उल्लंघन है और इस कारण वे मौजूदा बजट सत्र में भाग लेने में असमर्थ हैं. उपराज्यपाल जब 15 फरवरी को अपने अभिभाषण में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित कर रहे थे तो उस दौरान भाजपा विधायकों ने कई बार बाधा डाली थी.

महावर, गुप्ता और बाजपेयी की ओर से वकील सत्य रंजन स्वैन के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष का आदेश 'असंवैधानिक, अन्यायपूर्ण और अनुचित है तथा यह याचिकाकर्ताओं के मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.'

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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